हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

फाइव स्टार होटलों में थाली का जायका बढ़ाने वाली इस सब्जी के गिरे दाम, कौड़ी के भाव बेचने को मजबूर किसान - Himachal zucchini price drop - HIMACHAL ZUCCHINI PRICE DROP

Zucchini price drop in Himachal: किसानों की आय दोगुनी करने का सपना कैसे पूरा होगा. जब किसानों को अपनी फसल की लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है. कभी फाइव स्टार की होटलों में थाली का स्वाद बढ़ाने वाला जुकनी सब्जी की डिमांड इन दिनों घट गई है, जिससे अब किसानों को जुकनी की कीमत महज ₹5 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रही है. पढ़िए पूरी खबर...

कौड़ी के भाव जुकनी बेचने को मजबूर किसान
कौड़ी के भाव जुकनी बेचने को मजबूर किसान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 7:48 PM IST

Updated : Jul 3, 2024, 8:31 PM IST

शिमला:हिमाचल में दिन रात कड़ी मेहनत कर खेतों में पसीना बहाकर लोगों को भोजन की व्यवस्था करने वाले किसानों की आर्थिक सेहत मंद होने लगी है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दुगना करने का दावा किया था, लेकिन मंडियों में कौड़ी के भाव बिक रही फसलों से किसानों की आय दुगनी होना तो दूर खेतों में की जाने वाली मेहनत और बीज खरीदने पर आई लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है. प्रदेश के बहुत से क्षेत्रों में इन दिनों जुकनी का सीजन चल रहा है. लेकिन देश में महानगरों में फाइव स्टार होटलों में अमीरों की थाली का जायका बढ़ाने वाली जुकनी के किसानों को 5 रुपए किलो दाम मिल रहे हैं. इस तरह से लाखों किसान परिवार के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है.

दिल्ली भेजी जाती है जुकनी:हिमाचल में करसोग सहित ठियोग, सोलन, मनाली और सिरमौर के बहुत से क्षेत्रों में इन दिनों जुकनी की खेती की जा रही है. लंबे सूखे के बाद अब जुकनी की फसल तैयार है, लेकिन बड़े शहरों में डिमांड न होने से जुकनी के लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में इन दिनों किसान 5 रुपए किलो के हिसाब से जुकनी बेचने को मजबूर हैं. प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पैदा होने वाले जुकनी की मांग इन दिनों बड़े बड़े शहरों में अधिक रहती है. यहां से जुगनी को बॉक्स में पैक कर सीधे दिल्ली भेजा जा रहा है. जहां से जुगनी अधिक खपत होने से किसानों को जुकनी के अधिक दाम मिलते थे.

फाइव स्टार होटलों में जाने वाली जुकनी की घटी डिमांड:दिल्ली से सीधे बड़े बड़े होटलों में जुकनी की सप्लाई भेजी जाती है. ऐसे में फाइव स्टार होटलों में अमीरों की थाली का जायका बढ़ाने के साथ जुकनी से लाखों किसान परिवारों की भी साल भर रोजी रोटी भी चलती है, लेकिन बड़े शहरों ने डिमांड न होने से किसानों को जुकनी के अच्छे भाव नहीं मिल रहे हैं. इंग्लिश वेजिटेबल के सप्लायर संतराम का कहना है कि बड़े शहरों में डिमांड न होने से दिल्ली में जुकनी की दिल्ली में खपत नहीं है. उन्होंने कहा कि फाइव स्टार होटलों में भी मांग नहीं है. ऐसे में इस बार जुकनी की के अच्छे भाव नहीं मिल रहे हैं.

120 रुपए किलो तक बिकी थी जुकनी: देश के बड़े शहरों में पिछले साल जुकनी की काफी अधिक मांग थी. इस वजह से प्रदेश के किसानों को जुकनी के 120 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दाम मिले थे. जिससे किसानों को जुकनी फायदे का सौदा लगी थी. ऐसे में इस बार किसानों ने जुकनी की अधिक फसल लगाई है. कृषि विभाग से प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद से रिटायर हुए रामकृष्ण का कहना है कि किसानों को खेती की जानकारी के साथ मार्केट के ट्रेंड की भी समझना होगा. इसके लिए किसानों को फसल में भी विविधता लानी होगी. यही नहीं जुकनी की अर्ली फसल लगाने से भी बचना होगा. तभी किसानों को मंडियों में फसलों के अच्छे दाम मिलेंगे.

ये भी पढ़ें:दक्षिण भारत हुआ सिरमौर के लहसुन के स्वाद का 'दीवाना', राजस्थान-गुजरात तक भी डिमांड

Last Updated : Jul 3, 2024, 8:31 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details