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हिमाचल में पहले चरण में इन 6 एंट्री टैक्स बैरियर्स पर मिलेगी फास्टैग की सुविधा - HIMACHAL FACILITY FASTAG

हिमाचल प्रदेश में पहले में 6 एंट्री टैक्स बैरियर्स पर फास्टैग की सुविधा मिलेगी.

हिमाचल में फास्टैग की सुविधा
हिमाचल में फास्टैग की सुविधा (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 23, 2025, 9:16 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में वाहनों के माध्यम से प्रवेश करने वाले यात्रियों के लिए एंट्री टैक्स भुगतान सुविधा को सुव्यवस्थित करने जा रही है. नई व्यवस्था के तहत प्रदेश के सभी 55 टोल बैरियरों पर फास्टैग आधारित प्रवेश कर संग्रह सुविधा शुरू की जाएगी. पहले चरण में फास्टैग आधारित प्रवेश कर सुविधा छह स्थानों पर लागू की जाएगी, जिसमें बिलासपुर जिला के गरमौरा, परवाणू (मेन), सोलन जिला के टिपरा बाईपास (परवाणू), सिरमौर जिला के गोविंदघाट, कांगड़ा जिला के कंडवाल, ऊना जिला के मैहतपुर और सोलन जिला के बद्दी शामिल हैं.

इस सुविधा के आरंभ होने से राज्य में प्रवेश के समय वाहनों के प्रतीक्षा समय में बचत होगी. हिमाचल प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सभी प्रवेश कर बैरियरों की नीलामी-सह-निविदा करने का निर्णय लिया है, जिससे वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में प्रवेश कर राजस्व में 7.5 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है. चयनित टोल इकाइयों के सफल टोल पट्टेदारों को 45 दिनों के भीतर फास्टैग आधारित प्रवेश कर प्रणाली कार्यान्वयन से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी, अन्यथा उनका पट्टा रद्द कर दिया जाएगा. वे जारीकर्ता बैंक, एनपीसीआई, आईएचएमसीएल और अधिग्रहण करने वाले बैंक के शुल्क सहित स्थापना और संचालन की पूरी लागत वहन करेंगे. संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में समय पर कार्यान्वयन करने के निर्देश दिए गए हैं.

24 घंटे के लिए जारी रसीद

प्रवक्ता ने कहा कि टोल पट्टेदारों को अपने खर्च पर फास्टैग आधारित प्रवेश कर प्रणाली कार्यान्वयन की पुष्टि करने वाला दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा. इसके अतिरिक्त उन्हें 24 घंटे के भीतर आने-जाने वाले यात्रियों को रसीद जारी करनी होगी और उन्हें स्वीकृत टोल दरों से अधिक कोई भी राशि वसूलने की सख्त मनाही होगी. वर्तमान में भारी वाणिज्यिक वाहनों को छोड़कर सभी हिमाचल प्रदेश-पंजीकृत वाहनों को प्रवेश कर से छूट दी गई है. फास्टैग सॉफ्टवेयर में यह सुनिश्चित करने का प्रावधान होगा कि छूट प्राप्त वाहनों के लिए कोई कटौती नहीं की जाए. प्रवक्ता ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य राज्य में प्रवेश के समय यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करते हुए प्रवेश कर संग्रह सुविधा में सुधार लाना है.

ये भी पढ़ें: कांगड़ा के फतेहपुर में मिला हैंड ग्रेनेड, आर्मी ने किया डिफ्यूज

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में वाहनों के माध्यम से प्रवेश करने वाले यात्रियों के लिए एंट्री टैक्स भुगतान सुविधा को सुव्यवस्थित करने जा रही है. नई व्यवस्था के तहत प्रदेश के सभी 55 टोल बैरियरों पर फास्टैग आधारित प्रवेश कर संग्रह सुविधा शुरू की जाएगी. पहले चरण में फास्टैग आधारित प्रवेश कर सुविधा छह स्थानों पर लागू की जाएगी, जिसमें बिलासपुर जिला के गरमौरा, परवाणू (मेन), सोलन जिला के टिपरा बाईपास (परवाणू), सिरमौर जिला के गोविंदघाट, कांगड़ा जिला के कंडवाल, ऊना जिला के मैहतपुर और सोलन जिला के बद्दी शामिल हैं.

इस सुविधा के आरंभ होने से राज्य में प्रवेश के समय वाहनों के प्रतीक्षा समय में बचत होगी. हिमाचल प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सभी प्रवेश कर बैरियरों की नीलामी-सह-निविदा करने का निर्णय लिया है, जिससे वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में प्रवेश कर राजस्व में 7.5 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है. चयनित टोल इकाइयों के सफल टोल पट्टेदारों को 45 दिनों के भीतर फास्टैग आधारित प्रवेश कर प्रणाली कार्यान्वयन से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी, अन्यथा उनका पट्टा रद्द कर दिया जाएगा. वे जारीकर्ता बैंक, एनपीसीआई, आईएचएमसीएल और अधिग्रहण करने वाले बैंक के शुल्क सहित स्थापना और संचालन की पूरी लागत वहन करेंगे. संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में समय पर कार्यान्वयन करने के निर्देश दिए गए हैं.

24 घंटे के लिए जारी रसीद

प्रवक्ता ने कहा कि टोल पट्टेदारों को अपने खर्च पर फास्टैग आधारित प्रवेश कर प्रणाली कार्यान्वयन की पुष्टि करने वाला दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा. इसके अतिरिक्त उन्हें 24 घंटे के भीतर आने-जाने वाले यात्रियों को रसीद जारी करनी होगी और उन्हें स्वीकृत टोल दरों से अधिक कोई भी राशि वसूलने की सख्त मनाही होगी. वर्तमान में भारी वाणिज्यिक वाहनों को छोड़कर सभी हिमाचल प्रदेश-पंजीकृत वाहनों को प्रवेश कर से छूट दी गई है. फास्टैग सॉफ्टवेयर में यह सुनिश्चित करने का प्रावधान होगा कि छूट प्राप्त वाहनों के लिए कोई कटौती नहीं की जाए. प्रवक्ता ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य राज्य में प्रवेश के समय यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करते हुए प्रवेश कर संग्रह सुविधा में सुधार लाना है.

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