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खुद को IAS बताते हुए हाईकोर्ट में लगाए फर्जी दस्तावेज - Fake IAS Documents

दुष्कर्म के केस को फर्जी बताते हुए युवक ने खुद को आईएएस बताया, फर्जी दस्तावेज हाईकोर्ट में लगाए, ट्रांसफर का फर्जी आदेश भी लगा दिया.

Fake IAS Documents
खुद को आईएएस बताते हुए फर्जी दस्तावेज लगाए (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 4, 2024, 1:12 PM IST

जबलपुर।दुष्कर्म की एफआईआर को झूठा बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. याचिकाकर्ता की तरफ से दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए कहा गया "वह आईएएस अधिकारी है और उसका स्थानांतरण मध्य प्रदेश में हुआ था." हाईकोर्ट ने पेश किये गये दस्तावेजों की जांच के आदेश जारी किए थे. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट की एकलपीठ के समक्ष प्रस्तुत की गयी जांच रिपोर्ट में कहा गया कि प्रस्तुत किये गये दस्तावेज फर्जी हैं. एकलपीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं.

मध्यप्रदेश में आईएएस के रूप में नियुक्ति का हवाला

मामले के अनुसार नरसिंहपुर निवासी वीर सिंह राजपूत की तरफ से दायर याचिका में कहा गया "साल 2023 में महिला थाने में दुष्कर्म की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई." सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सिविल सर्विस परीक्षा उत्तीर्ण किये जाने के दस्तावेज प्रस्तुत किए. दस्तावेज में बताया गया "उसने साल 2019 में सिविल सर्विस परीक्षा उत्तीर्ण की है. वर्तमान में वह प्रोविजन नियुक्ति पर है. उसका तबादला जम्मू-कश्मीर से मध्य प्रदेश हुआ है और आईएएस के रूप में नियुक्ति हुई है."

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याचिकाकर्ता के दस्तावेज जांच में निकले फर्जी

वहीं, दस्तावेज को फर्जी बताते हुए कहा गया कि पिछले दो साल की सूची में वीर सिंह राजपूत नाम का कोई अधिकारी चयनित नहीं हुआ है. न्यायालय की सहानुभूति पाने याचिकाकर्ता की तरफ से ऐसा किया गया है. याचिकाकर्ता की तरफ से पेश आपत्ति को गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने सरकार को 15 दिन में दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये थे. गुरुवार को पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया कि दस्तावेजों के संबंध में केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से जानकारी प्राप्त की गयी. याचिकाकर्ता के दस्तावेज फर्जी हैं. इस मामले की पैरवी अधिवक्ता मोहम्मद अली तथा अधिवक्ता अभिमन्यु सिंह ने की.

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