जबलपुर।दुष्कर्म की एफआईआर को झूठा बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. याचिकाकर्ता की तरफ से दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए कहा गया "वह आईएएस अधिकारी है और उसका स्थानांतरण मध्य प्रदेश में हुआ था." हाईकोर्ट ने पेश किये गये दस्तावेजों की जांच के आदेश जारी किए थे. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट की एकलपीठ के समक्ष प्रस्तुत की गयी जांच रिपोर्ट में कहा गया कि प्रस्तुत किये गये दस्तावेज फर्जी हैं. एकलपीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं.
मध्यप्रदेश में आईएएस के रूप में नियुक्ति का हवाला
मामले के अनुसार नरसिंहपुर निवासी वीर सिंह राजपूत की तरफ से दायर याचिका में कहा गया "साल 2023 में महिला थाने में दुष्कर्म की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई." सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सिविल सर्विस परीक्षा उत्तीर्ण किये जाने के दस्तावेज प्रस्तुत किए. दस्तावेज में बताया गया "उसने साल 2019 में सिविल सर्विस परीक्षा उत्तीर्ण की है. वर्तमान में वह प्रोविजन नियुक्ति पर है. उसका तबादला जम्मू-कश्मीर से मध्य प्रदेश हुआ है और आईएएस के रूप में नियुक्ति हुई है."
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