भरतपुर: पिता चाहते थे कि बेटी अन्य लड़कियों की तरह पढ़ाई करे और कोई सरकारी नौकरी करे, लेकिन बेटी का मन स्पोर्ट्स में था. कॉलेज में पहुंची तो कुश्ती में किस्मत आजमाने लगी. मां ने बेटी का साथ दिया और गहने गिरवी रखकर पहलवानी के लिए खर्चा दिया.
बेटी ने जी जान से मेहनत की और आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में पदक जीतकर माता-पिता का नाम रोशन कर दिया. ये कहानी है जयपुर के पास स्थित एक छोटे से गांव की पहलवान सुमन शर्मा की. आइए जानते हैं किस तरह मां के सहयोग से इस बेटी ने मुकाम हासिल किया.
अंतरराष्ट्रीय पहलवान सुमन शर्मा (ETV Bharat Bharatpur) कॉलेज में शुरू की कुश्ती : जयपुर के गांव फतेहपुरा गांव की रहने वाली सुमन शर्मा के पिता रामनिवास शर्मा एक व्यवसाई हैं और मां विमला देवी गृहिणी हैं. सुमन शर्मा का बचपन से खेलों का शौक था, लेकिन पिता को ये सब पसंद नहीं था. पिता रामनिवास का मानना था कि बेटी को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और अच्छे से पढ़कर कोई सरकारी नौकरी पकड़ ले. उधर सुमन शर्मा के दिल में स्पोर्ट्स का जुनून था.
पहलवान सुमन शर्मा ने बताया कि स्कूल की पढ़ाई पूरी कर वो कॉलेज में पढ़ने के लिए जयपुर गई. वहां पर कॉलेज के गेम्स में उसने कुश्ती में भाग लेना शुरू किया, लेकिन जब पिता को इस बात का पता चला तो वो नाराज हुए. पिता रामनिवास का मानना था कि कुश्ती लड़कों का खेल है लड़कियों का नहीं.
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कुश्ती के लिए मां ने गिरवी रखे गहने : पहलवान सुमन शर्मा ने बताया कि गांव में संयुक्त परिवार है. जब वो कॉलेज से घर जाती तो उसे ताने सुनने को मिलते, लेकिन मां विमला देवी ने हमेशा सहयोग किया और बेटी पर भरोसा भी जताया. सुमन शर्मा ने बताया कि उसे कुश्ती की प्रैक्टिस के लिए हरियाणा जाना था, लेकिन पिता इस बात से नाखुश थे. इसलिए मां ने अपने गहने गिरवी रखकर पहलवानी के लिए पैसा दिया. सुमन शर्मा ने बताया कि उसने हरियाणा में जीतोड़ मेहनत की. जब वो पहली बार राज्यस्तरीय मेडल जीतकर गांव पहुंची तो गांव वालों ने भव्य स्वागत सम्मान किया. उसके बाद पिता की भी नाराजगी दूर हो गई और उनका भी सपोर्ट मिलने लगा.
वर्ल्ड रेसलिंग में सिल्वर मेडल : पहलवान सुमन शर्मा ने बताया कि वर्ष 2016 में कुश्ती की शुरुआत की. तब से अब तक करीब 30 मेडल राज्यस्तरीय मुकाबलों में, कई मेडल राष्ट्रीय स्तर पर जीत चुकी है. वर्ष 2023 में वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में रूस में सिल्वर मेडल जीतकर माता पिता और देश का नाम रोशन कर दिया. अब सुमन ओलिंपिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करना चाहती हैं.
पहलवान सुमन शर्मा अखिल भारतीय महारानी किशोरी महिला कुश्ती दंगल में भाग लेने भरतपुर आई. रविवार को सुमन शर्मा ने राजस्थान केसरी मुकाबला जीत लिया. इससे पहले हाल ही में भरतपुर में ही आयोजित हुई राजस्थान राज्य स्तरीय सीनियर महिला पुरुष कुश्ती में भी गोल्ड मेडल जीता था.