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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस: बुजुर्गों की लत से धू्म्रपान का शिकार हो रही नई पीढ़ी - World No Tobacco Day 2024

धूम्रपान के प्रति जागरूकता से उद्देश्य से हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (WORLD NO TOBACCO DAY 2024) मनाने की परंपरा है, लेकिन भारत के कई हिस्सों में तंबाकू का सेवन बढ़ गया है. इस वजह से देश में लगातार तंबाकू सेवन के कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

WORLD NO TOBACCO DAY 2024
WORLD NO TOBACCO DAY 2024 (Photo Credit-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 31, 2024, 7:05 PM IST

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर खास खबर. (Video Credit-Etv Bharat)

प्रयागराज: दुनियाभर में हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इसके बावजूद तमाम लोग तम्बाकू के खतरे की अनदेखी करते हुए सिगरेट और तंबाकू का सेवन करते हैं. कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का कहना है कि देश में हर 9 लाख से अधिक लोग तंबाकू से होने वाले कैंसर और अन्य बीमारियों से मौत के मुंह में जा रहे हैं. उसके बावजूद युवा वर्ग इस जानलेवा लत का शिकार हो रहा है. तम्बाकू उत्पादों को बनाने से लेकर उसे बाजार में बेचने और उसके प्रचार प्रसार करने में भी समाज के कई वर्ग जिम्मेदारी से बच रहे हैं.

धूम्रपान से होने वाले विकार. (Photo Credit-Etv Bharat)

कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. सोनिया तिवारी के मुताबिक कैंसर के मरीजों की मौत की संख्या बीते पांच साल में 10 लाख से कम थी, जो पिछले साल 9 लाख तक पहुंच गई है. आने वाले वर्षों में यह संख्या बढ़कर 10 लाख के आंकड़े को पार कर जाएगी. तम्बाकू से होने वाले कैंसर से हर साल दुनिया भर में 80 लाख से ज्यादा लोगों को जाने चली जाती है. इसमें 9 लाख से अधिक लोग भारत के होते हैं. जागरूकता से ही देश में तम्बाकू खाने वालों की संख्या में कमी लायी जा सकती है.

डॉ. सोनिया तिवारी और कैंसर सर्जन डॉ. कमल सिंह ने बताया कि तम्बाकू और सिगरेट के सेवन का चलन देश में काफी तेजी से बढ़ रहा है. देश के कई हिस्सों में तम्बाकू का इस्तेमाल परंपरा के रूप में किया जाता है. कुछ लोग घर आने वालों को सुपारी तंबाकू और हुक्का पिलाते हैं. तमाम लोग खाने के बाद शौच जाने से पहले तम्बाकू सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही घरों में बड़े बुजुर्गों को तम्बाकू खाते और सिगरेट पीते हुए देखकर नयी पीढ़ियां भी उसी लत का शिकार हो जाती हैं.


मधुमेह रोगियों के लिए ज्यादा घातक : मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि कैंसर मरीज को शुगर होना या शुगर के मरीज को कैंसर होने और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है. क्योंकि कैंसर और मधुमेह में व्यक्ति की इम्यूनिटी घटती है. इस कारण यह दोनों बीमारी एक साथ होने पर मरीज के लिए घातक हो जाती हैं. यही कारण है कि मधुमेह रोगियों को तंबाकू का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि डायबिटीज के मरीज अगर कैंसर की चपेट में आते हैं तो उनके लिए जान जाने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए मधुमेह रोगियों को कैंसर और कैंसर रोगियों को मधुमेह से बचने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए.

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