पलामू:ग्लोबल वार्मिंग के कारण भारत में पेड़-पौधों की 1372 प्रजातियां और 37 फीसदी जीव-जंतु खतरे में हैं. देश में कई ऐसे इलाके हैं जहां पिछले एक महीने में तापमान के रिकॉर्ड आंकड़े दर्ज किए गए हैं. झारखंड के पलामू इलाके में पानी की तलाश में बड़ी संख्या में बंदर और चमगादड़ मर गए. विश्व पर्यावरण दिवस पर ईटीवी भारत ने देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् कौशल किशोर जायसवाल से ग्लोबल वार्मिंग समेत कई बिंदुओं पर बात की.
कौशल किशोर जायसवाल वनराखी आंदोलन के प्रणेता हैं. उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग पूरे देश में चिंता का विषय बन गया है, जीव-जंतु खतरे में हैं. उनका कहना है कि पलामू इलाके से कई उदाहरण सामने आ रहे हैं जो बता रहे हैं कि स्थिति चिंताजनक होती जा रही है. अगर लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक नहीं हुए तो रात्रि पाठशालाएं शुरू करनी पड़ेंगी. लोग दिन में अपने घरों में कैद रहेंगे और रात में काम करना पड़ेगा. पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को मिलकर पहल करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आज पेड़-पौधों की 1372 प्रजातियां और 37 फीसदी जीव-जंतु खतरें में हैं. हमें इसपर काम करने की जरूरत है.
पर्यावरण को धर्म के रूप में पालन करने की जरूरत