नई दिल्ली: ब्रेन ट्यूमर एक जानलेवा बीमारी होती है. अगर समय पर इसकी पहचान ना हो पाए तो यह जिंदगी के लिए बहुत ही घातक सिद्ध होती है. इसलिए इस बीमारी के लक्षणों के बारे में लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है. लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर साल विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है. ब्रेन ट्यूमर को लेकर कैलाश दीपक हॉस्पिटल दिल्ली के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉक्टर संजीव गुप्ता का कहना है कि अक्सर लोग इस बीमारी के लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं. इससे बीमारी बढती चली जाती है और जब इसका पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है. बीमारी ज्यादा बढ़ने के कारण उसके इलाज में भी दिक्कत आती है और मरीज को ठीक होने में भी समय लगता है.
क्या होता है ब्रेन ट्यूमर
डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर सेल्स की असामान्य वृद्धि की वजह से होता है. असामान्य रूप से बढ़ी हुई नसों का गुच्छा होता है, जो ब्रेन में पाया जाता है. ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं. कैंसरस और नॉन कैंसरस. नॉन कैंसरस ब्रेन ट्यूमर को बिनाइन कहते हैं. कैंसरस ब्रेन ट्यूमर जिस व्यक्ति को होता है उसकी लाइफ सीमित हो जाती है. जबकि नॉन कैंसरस ट्यूमर के ठीक होने की संभावना अधिक होती है.
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों में मुख्य रूप से सिर में प्रेशर बढ़ने से सिर दर्द, उल्टी होना और आंखों से कम दिखाई देना हैं. अगर किसी का सिर दर्द सामान्य दवाई से बंद न हो और 10 से 15 दिन तक लगातार बना रहे तो ऐसी स्थिति में स्पेशलिस्ट डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर देखने के बाद फिर यह तय करते हैं कि मरीज का सीटी स्कैन करना आवश्यक है या नहीं. डॉक्टर संजीव ने बताया कि आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं ट्यूमर सिर के किस हिस्से में है और किस आकार का है.
अधिक समय तक सिर दर्द होने पर जरूरी नहीं ब्रेन ट्यूमर होना
डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि जरूरी नहीं किसी को 10 या 15 दिन तक सिर दर्द है तो ब्रेन ट्यूमर ही हो. कई बार सिर दर्द नींद पूरी न होने से, माइग्रेन की वजह से सिर दर्द और टेंशन की वजह से भी सिर दर्द होता है. लेकिन, ऐसी स्थिति में विशेषज्ञ डॉक्टर या न्यूरोलॉजिस्ट को जरूर दिखाना चाहिए. अगर इन तीन कारणों की वजह से सिर दर्द होता है तो वह सामान्य रूप से दवाईयों से ठीक हो जाता है. अगर इसके बाद भी लंबे समय तक सिर दर्द ठीक न हो तो हमें सीटी स्कैन या एमआरआई कराने की जरूरत पड़ती है.
उन्होंने बताया कि कैंसरस और नॉन कैंसरस दोनों तरह के ट्यूमर ही अनदेखी करने पर घातक सिद्ध होते हैं. इसलिए इनके लक्षण दिखने पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए. डॉ. संजीव ने बताया कि अधिकांश ट्यूमर की पहचान इमेजिंग से हो जाती है. लेकिन, ट्यूमर कैंसरस है या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए उसका टुकड़ा लेकर बायोप्सी की जाती है.