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अगर दिख रहे हैं ये लक्षण तो न करें अनदेखा, ब्रेन ट्यूमर के शिकार हो सकते हैं आप - WORLD BRAIN TUMOR DAY

World Brain Tumor Day: दुनिया भर में होने वाली गंभीर बीमारियों में से एक है ‘ब्रेन ट्यूमर’. ब्रेन ट्यूमर के खतरे के प्रति आप जागरूक नहीं है तो यह आपके लिए जानलेवा साबित होता है. इसलिए आपको आज ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी और खतरे को जानना जरूरी है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 8, 2024, 12:42 PM IST

कैलाश दीपक हॉस्पिटल दिल्ली के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉक्टर संजीव गुप्ता (ETB Bharat)

नई दिल्ली: ब्रेन ट्यूमर एक जानलेवा बीमारी होती है. अगर समय पर इसकी पहचान ना हो पाए तो यह जिंदगी के लिए बहुत ही घातक सिद्ध होती है. इसलिए इस बीमारी के लक्षणों के बारे में लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है. लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर साल विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है. ब्रेन ट्यूमर को लेकर कैलाश दीपक हॉस्पिटल दिल्ली के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉक्टर संजीव गुप्ता का कहना है कि अक्सर लोग इस बीमारी के लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं. इससे बीमारी बढती चली जाती है और जब इसका पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है. बीमारी ज्यादा बढ़ने के कारण उसके इलाज में भी दिक्कत आती है और मरीज को ठीक होने में भी समय लगता है.

क्या होता है ब्रेन ट्यूमर
डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर सेल्स की असामान्य वृद्धि की वजह से होता है. असामान्य रूप से बढ़ी हुई नसों का गुच्छा होता है, जो ब्रेन में पाया जाता है. ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं. कैंसरस और नॉन कैंसरस. नॉन कैंसरस ब्रेन ट्यूमर को बिनाइन कहते हैं. कैंसरस ब्रेन ट्यूमर जिस व्यक्ति को होता है उसकी लाइफ सीमित हो जाती है. जबकि नॉन कैंसरस ट्यूमर के ठीक होने की संभावना अधिक होती है.

ब्रेन ट्यूमर सेल्स की असामान्य वृद्धि की वजह से होता है (Canva)

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों में मुख्य रूप से सिर में प्रेशर बढ़ने से सिर दर्द, उल्टी होना और आंखों से कम दिखाई देना हैं. अगर किसी का सिर दर्द सामान्य दवाई से बंद न हो और 10 से 15 दिन तक लगातार बना रहे तो ऐसी स्थिति में स्पेशलिस्ट डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर देखने के बाद फिर यह तय करते हैं कि मरीज का सीटी स्कैन करना आवश्यक है या नहीं. डॉक्टर संजीव ने बताया कि आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं ट्यूमर सिर के किस हिस्से में है और किस आकार का है.

अधिक समय तक सिर दर्द होने पर जरूरी नहीं ब्रेन ट्यूमर होना
डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि जरूरी नहीं किसी को 10 या 15 दिन तक सिर दर्द है तो ब्रेन ट्यूमर ही हो. कई बार सिर दर्द नींद पूरी न होने से, माइग्रेन की वजह से सिर दर्द और टेंशन की वजह से भी सिर दर्द होता है. लेकिन, ऐसी स्थिति में विशेषज्ञ डॉक्टर या न्यूरोलॉजिस्ट को जरूर दिखाना चाहिए. अगर इन तीन कारणों की वजह से सिर दर्द होता है तो वह सामान्य रूप से दवाईयों से ठीक हो जाता है. अगर इसके बाद भी लंबे समय तक सिर दर्द ठीक न हो तो हमें सीटी स्कैन या एमआरआई कराने की जरूरत पड़ती है.

ब्रेन ट्यूमर बिना कोई स्पष्ट लक्षणों के भी मस्तिष्क में पनप सकता है (ETV BHARAT)

उन्होंने बताया कि कैंसरस और नॉन कैंसरस दोनों तरह के ट्यूमर ही अनदेखी करने पर घातक सिद्ध होते हैं. इसलिए इनके लक्षण दिखने पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए. डॉ. संजीव ने बताया कि अधिकांश ट्यूमर की पहचान इमेजिंग से हो जाती है. लेकिन, ट्यूमर कैंसरस है या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए उसका टुकड़ा लेकर बायोप्सी की जाती है.

2020 में ब्रेन ट्यूमर से देश में हुई हैं ढ़ाई लाख से ज्यादा मौतें
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली में न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मनीष वैश्य का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर बिना कोई स्पष्ट लक्षणों के भी मस्तिष्क में पनप सकता है. शुरुआती संकेत अक्सर रोजमर्रा की समस्याओं की तरह महसूस होते हैं जिन्हें आप नजरअंदाज कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि ग्लोबोकैन 2020 डेटा का अनुमान है कि भारत में मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सेंट्रल नर्वस सिस्टम) के ट्यूमर के कारण 2,51,329 मौतें हुई हैं. हालांकि, स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों तथा कैंसर के सभी मामलों को दर्ज करने की उचित व्यवस्था न होने के कारण यह अनुमान है कि यह संख्या वास्तविक संख्या से काफी कम है.

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खासतौर पर सुबह-सुबह सिर में तेज दर्द होने के साथ जी मचलाना या उल्टी होना, खतरे का संकेत हो सकते हैं. ध्यान केंद्रित करने, स्पष्ट रूप से बोलने या दूसरों को समझने में कठिनाई होना भी ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है. व्यक्तित्व में बदलाव, शरीर के एक तरफ कमजोरी महसूस होना या दृष्टि धुंधली होना जैसे लक्षण दिखाई दें तो उसे गंभीरता से लें.

छोटे ट्यूमर पर अधिक प्रभावी होती हैं दवाईयां और रेडिएशन
डा. मनीष वैश्य के अनुसार जब ट्यूमर छोटा होता है तो रेडिएशन और दवाएं अक्सर अधिक प्रभावी होती हैं. ट्यूमर के उपचार में कीमोथेरेपी, सर्जरी, टारगेटेड थेरेपी और रेडियोथेरेपी का उपयोग किया जाता है. जबकि उपचार से थकान, कमजोरी या सोच में बदलाव हो सकता है. मामूली चक्कर आना या संतुलन संबंधी समस्याओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. ट्यूमर को जल्दी खत्म करने के लिए सर्जरी भी एख विकल्प हो सकती है. लेकिन, इसका समय पर पता चलना चाहिए.

कब से मनाया जाता है ब्रेन ट्यूमर दिवस
साल 2000 में एक जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा ब्रेन ट्यूमर के मामलों की संख्या देखकर विश्व ब्रेन ट्यूमर को एक स्पेशल दिवस के तौर पर मनाने का प्रस्ताव रखा गया था. इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इस दिन को मनाने की तिथि 8 जून निर्धारित की गई, तब से हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाने लगा.

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