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गढ़वा में लकड़ी की अवैध तस्करी, माफिया लगातार कर रहे जंगलों की कटाई - DEFORESTATION IN GARHWA

गढ़वा में लकड़ी माफिया के द्वारा वनों की अंधाधुंध कटाई चल रही है. वन विभाग की कार्रवाई के बाद भी यह थमने नहीं रही है.

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जगंल में छिपाकर रखी थी लकड़ियां (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 16, 2025, 1:43 PM IST

गढ़वा:झारखंड का गढ़वा जिला जो तीन राज्यों की सीमा से घिरा हुआ है, जिसमें यूपी, छत्तीसगढ़ और बिहार राज्य शामिल है. यह जिला चारों ओर जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है. यहां बड़े पैमाने पर तस्कर जंगलों की कटाई कर रहे हैं, लेकिन वन विभाग सिर्फ कागजी खानापूर्ति में लगा हुआ है.

अंधाधुंध हो रही है पेड़ों की कटाई

जिले के तीन प्रखंडों में से डंडई में बड़े पैमाने पर वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. जिसका पर्यावरण पर बुरा असर पड़ने की संभावना तीव्र दिख रही है. एक ओर सरकार द्वारा हरियाली के लिए पेड़ लगाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर चंद लोग अपनी निजी आर्थिक लाभ के कारण हरे भरे पौधों को भी काटने से बाज नहीं आ रहे हैं.

जानकारी देते डीएफओ (ETV BHARAT)

वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रखंड के वन क्षेत्र में वृक्षों की कटाई लगातार जारी है. जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचता है तो थोड़ा बहुत जुर्माना लगाकर मामला रफादफा कर दिया जाता है. जिसको देखते हुए लकड़ी माफिया के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं. दूसरा मामला चिनियां वन क्षेत्र का है. यहां चपकली गांव में लकड़ी माफिया ने 70 बेशकीमती सखुआ पेड़ों की कटाई कर छिपा दिया था, जिसे वन विभाग को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ा गया.

वन प्रबंधन समिति गांवों में कर रही है पड़ताल

इधर, वन प्रबंधन समिति के तहत बरगढ़ वन क्षेत्र के कलाखजुरी गांव के लोगों ने निगरानी का काम जोरों से शुरू कर दिया है. हालांकि ग्रामसभा अभी तक वन प्रबंधन समिति का गठन नहीं कर पाई है. फिर भी गत 8 जनवरी, 2025 से लेकर 10 जनवरी 2025 तक घर-घर जाकर जलावन की लकड़ी को छोड़कर अन्य इमारती लकड़ी की पड़ताल कर रहे हैं.

इस दौरान लगभग सभी घरों में सखुआ पेड़ की लकड़ी मिल रही है, जिसे ग्राम वन प्रबंधन समिति ने काटने पर पाबंदी लगा रखी है. ऐसी कटाई से जंगल उजड़ता जा रहा है. ग्रामसभा ने यह नियम बना रखा है कि कोई भी व्यक्ति वनोत्पाद और सुखी लकड़ी के आलावा इमारती लकड़ी लाता है तो उसके लिए वन प्रबंधन समिति अथवा ग्रामसभा के अधिकारियों के समक्ष लिखित अनुमति लेनी होगी.

डीएफओ ने कहा कार्रवाई की जाएगी

डीएफओ ने कहा कि जंगल में हो रही अंधाधुंध कटाई को लेकर वन विभाग लगातार निगरानी कर रहा है. ऐसे मामले की सूचना मिलने पर हमलोग कार्रवाई भी कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से आप जानकारी दे रहें हैं, इसकी विस्तृत जांच की जाएगी. इसमें संबंधित लोगों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

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