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Exclusive : गर्ल्स स्टूडेंट की प्रॉब्लम को जानने के लिए कोटा में महिला स्क्वाड, राजस्थान में पहली बार ऐसा प्रयोग - कोटा में छात्राओं की समस्याएं

Women Squad in Kota, 'कामयाब कोटा' के तहत जिला प्रशासन ने महिला अधिकारियों की स्क्वाड बनाई है, जो कोचिंग छात्राओं से उनके समस्याओं के बारे में जानेगी और समस्याओं का निदान करेंगी.

Administration deploys women squad in Kota
प्रशासन की ओर से कोटा में महिला स्क्वाड की तैनाती

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 6, 2024, 11:18 AM IST

प्रशासन की ओर से कोटा में महिला स्क्वाड की तैनाती

कोटा.जिला प्रशासन 'कामयाब कोटा' के तहत कोचिंग क्षेत्र के उन्नयन के लिए कई प्रयास कर रहा है, जिसमें कोचिंग छात्रों को तनाव से मुक्त रखने से लेकर कोटा के वातावरण को भी उनके अनुकूल बनाने के प्रयास शामिल हैं. इसी के तहत प्रशासन की ओर से महिला अधिकारियों के लिए स्क्वाड बनाई गई है. यह स्क्वाड कोचिंग करने आने वाली देशभर की छात्राओं को संबल देगी. कोचिंग एरिया में जाकर हॉस्टल या कोचिंग में छात्राओं से वार्ता करेंगी. बंद कमरे में होने वाली बातचीत में छात्राओं से खुलकर संवाद करेंगी, जिससे उनकी समस्याओं का निदान हो सके, ताकि सभी छात्राएं तनाव मुक्त और स्वच्छंद कोटा में रहकर पढ़ाई कर सके. ऐसा राजस्थान में पहली बार कोटा में ही किया गया है.

जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी का कहना है कि उन्होंने अभी तक 6 महिला स्क्वाड बनाई है. प्रत्येक स्क्वाड में तीन अधिकारी शामिल हैं, जिनमें पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ अन्य महिला अधिकारी भी जोड़ी गई हैं. समय के साथ स्क्वाड और उसके सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी भी की जाएगी. डॉ. गोस्वामी का कहना है कि कोटा में गर्ल्स स्टूडेंट्स की देखरेख व उनके मुद्दों को गंभीरता व संवेदनशील तरीके से समझने के लिए महिला अधिकारियों की स्क्वाड बनाई गई है. यह स्टूडेंट से बंद कमरे में बातचीत करेंगी, क्योंकि गर्ल्स के इश्यूज पर्सनली और संवेदनशीलता से बात करने से ही बाहर आ सकते हैं. हमने इसके लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी है. जल्द ही इस स्क्वायड की मीटिंग को लेकर उन्हें दिशा निर्देश भी दिए जाएंगे.

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करीब 1 लाख छात्राएं हैं कोटा में : डॉ. गोस्वामी का कहना है कि इस स्क्वाड में प्रशासनिक व पुलिस के अलावा मोटिवेटेड अधिकारी भी हैं. गर्ल्स को मोटिवेशन देने वाली महिला अधिकारियों को इसमें शामिल किया है. ये सब 'कामयाब कोटा' के तहत ही किया जा रहा है. बता दें कि कोटा में करीब 2 लाख से ज्यादा कोचिंग छात्र पढ़ने के लिए देश-प्रदेश से आते हैं. इनमें करीब एक लाख छात्राएं होती हैं. इनमें से अधिकांश कोटा में हॉस्टल या पीजी में अकेले रहकर पढ़ाई करती हैं. उनकी उम्र भी करीब 14 से 20 साल के बीच होती है. इनमें मेडिकल की तैयारी करने के लिए छात्राओं की संख्या ज्यादा होती है, जबकि इंजीनियरिंग के लिए कम होती है.

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