हजारीबागः रंगों का त्योहार होली को लेकर हजारीबाग में विशेष तैयारी चल रही है. होली की मस्ती में कहीं केमिकल खलल ना डालें इसे देखते हुए हजारीबाग दारू प्रखंड के पेटो गांव की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं. इन महिलाओं के बनाये गए गुलाल की मांग राज्य भर में हो रही है. महिलाएं भी कहती हैं कि हमने पूरे राज्यवासियों के लिए ऐसा गुलाल बनाया है जो आपके चेहरे की सुंदरता को और अधिक निखार देगा.
रंगों का त्योहर होली की मस्ती अभी से ही देखने को मिल रही है. लोग एक दसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामना दे रहे हैं. क्या पदाधिकारी और क्या आम जनता सभी होली के रंग में सराबोर हो रहे हैं. होली का रंग आपकी त्वचा को नुकसान ना पहुंचाए इसका ध्यान रखते हुए हजारीबाग के दारू प्रखंड की पेटो गांव की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं. हर्बल गुलाल बनाने में उन्होंने पालक, बीट, हल्दी, मुल्तानी मिट्टी, गुलाब जल, पलाश, गेंदा और गुलाब के फूल का उपयोग किया है.
25 मार्च को होली है, इसको लेकर बाजार में अबीर-गुलाल की दुकानें सज गई हैं. जिला की ग्रामीण महिलाओं ने मेहनत और लगन से ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल का निर्माण किया है. महिलाएं कहती हैं कि हम मेहनत और उत्साह से हर्बल गुलाल बना रहे हैं. ये त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाएगा वहीं इसकी बिक्री से कइयों के घर में खुशियां ला पाएंगे. महिलाओं का कहना है कि बाजार में कई तरह के गुलाल रंग है लेकिन हमसे अच्छा और सुरक्षित गुलाल किसी के पास नहीं है. यही कारण है कि सिर्फ हजारीबाग ही नहीं पूरे राज्य में हमारा गुलाल पहुंच रहा है.
कैसे बनता है हर्बल गुलाल
हर्बल गुलाल बनाने के लिए यहां समूह की दीदियों द्वारा फूल, फल एवं पत्तियों का उपयोग किया जा रहा है. हरे रंग के लिए पालक, गुलाबी के लिए गुलाब के फूल, पीले और भगवा रंग के लिए पलाश और गेंदा फूल, लाल रंग के लिए चुकंदर और अन्य रंगों के लिए चंदन सहित अन्य प्रकार के फूल एवं पत्तियों के रंगों का उपयोग किया जा रहा है. विभिन्न प्रकार की फूल-पत्ती और फलों को सबसे पहले गर्म पानी में उबाल आ जाता है.
इसके बाद उनको मिक्सर में पीसकर इसका मिश्रण तैयार किया जाता है फिर अरारोट के आटे में मिलाकर इसे अच्छी तरह गूथा जाता है और इसे ट्रे में फैलाकर अच्छी तरह से सुखाया जाता है. इसके बाद इसे अच्छी प्रकार पीसने के बाद उसमें चंदन, टेलकम पॉउडर और थोड़ा सा नेचरल फरफ्यूम मिलाकर इससे हर्बल गुलाल को अंतिम रूप दिया जाता है. गुलाल तैयार होने के बाद इससे आकर्षक पैकेट में पैकेजिंग कर जेएसएलपीएस के विभिन्न स्थानों पर स्थापित क्रय केंद्र और पलाश स्मार्ट में बिक्री के लिए भेजा जाता है.