झारखंड

jharkhand

होली में हर्बल गुलालः डिमांड में हजारीबाग के पेटो गांव की महिलाओं द्वारा निर्मित ऑर्गेनिक रंग-अबीर - Herbal gulal for Holi

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 23, 2024, 8:41 PM IST

Herbal gulal In Hazaribag. हजारीबाग में होली को लेकर तैयारियां जोरों पर है. बाजार में रंगों की कई वेराइटी है. लेकिन इस बार पेटो गांव की महिलाओं द्वारा बना अरारोट और फल-फूल से बना हर्बल गुलाल और रंग डिमांड में है.

Women made herbal gulal In Hazaribag for Holi 2024
हजारीबाग में होली को लेकर महिलाएं अरारोट और फल-फूल से बना रहीं हर्बल गुलाल और रंग

हजारीबाग के पेटो गांव की महिलाओं द्वारा निर्मित ऑर्गेनिक रंग-अबीर की मांग बढ़ी

हजारीबागः रंगों का त्योहार होली को लेकर हजारीबाग में विशेष तैयारी चल रही है. होली की मस्ती में कहीं केमिकल खलल ना डालें इसे देखते हुए हजारीबाग दारू प्रखंड के पेटो गांव की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं. इन महिलाओं के बनाये गए गुलाल की मांग राज्य भर में हो रही है. महिलाएं भी कहती हैं कि हमने पूरे राज्यवासियों के लिए ऐसा गुलाल बनाया है जो आपके चेहरे की सुंदरता को और अधिक निखार देगा.

रंगों का त्योहर होली की मस्ती अभी से ही देखने को मिल रही है. लोग एक दसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामना दे रहे हैं. क्या पदाधिकारी और क्या आम जनता सभी होली के रंग में सराबोर हो रहे हैं. होली का रंग आपकी त्वचा को नुकसान ना पहुंचाए इसका ध्यान रखते हुए हजारीबाग के दारू प्रखंड की पेटो गांव की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं. हर्बल गुलाल बनाने में उन्होंने पालक, बीट, हल्दी, मुल्तानी मिट्टी, गुलाब जल, पलाश, गेंदा और गुलाब के फूल का उपयोग किया है.

25 मार्च को होली है, इसको लेकर बाजार में अबीर-गुलाल की दुकानें सज गई हैं. जिला की ग्रामीण महिलाओं ने मेहनत और लगन से ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल का निर्माण किया है. महिलाएं कहती हैं कि हम मेहनत और उत्साह से हर्बल गुलाल बना रहे हैं. ये त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाएगा वहीं इसकी बिक्री से कइयों के घर में खुशियां ला पाएंगे. महिलाओं का कहना है कि बाजार में कई तरह के गुलाल रंग है लेकिन हमसे अच्छा और सुरक्षित गुलाल किसी के पास नहीं है. यही कारण है कि सिर्फ हजारीबाग ही नहीं पूरे राज्य में हमारा गुलाल पहुंच रहा है.

कैसे बनता है हर्बल गुलाल

हर्बल गुलाल बनाने के लिए यहां समूह की दीदियों द्वारा फूल, फल एवं पत्तियों का उपयोग किया जा रहा है. हरे रंग के लिए पालक, गुलाबी के लिए गुलाब के फूल, पीले और भगवा रंग के लिए पलाश और गेंदा फूल, लाल रंग के लिए चुकंदर और अन्य रंगों के लिए चंदन सहित अन्य प्रकार के फूल एवं पत्तियों के रंगों का उपयोग किया जा रहा है. विभिन्न प्रकार की फूल-पत्ती और फलों को सबसे पहले गर्म पानी में उबाल आ जाता है.

इसके बाद उनको मिक्सर में पीसकर इसका मिश्रण तैयार किया जाता है फिर अरारोट के आटे में मिलाकर इसे अच्छी तरह गूथा जाता है और इसे ट्रे में फैलाकर अच्छी तरह से सुखाया जाता है. इसके बाद इसे अच्छी प्रकार पीसने के बाद उसमें चंदन, टेलकम पॉउडर और थोड़ा सा नेचरल फरफ्यूम मिलाकर इससे हर्बल गुलाल को अंतिम रूप दिया जाता है. गुलाल तैयार होने के बाद इससे आकर्षक पैकेट में पैकेजिंग कर जेएसएलपीएस के विभिन्न स्थानों पर स्थापित क्रय केंद्र और पलाश स्मार्ट में बिक्री के लिए भेजा जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना सुदूरवर्ती गांव की महिलाएं धरातल पर लाने की कोशिश कर रही हैं. महिलाएं गुलाल बनाकर अच्छी आमदनी कर रहीं और अपने घर वालों का लालन पालन कर रही हैं. दारू प्रखंड के पेटो गांव की महिलाएं वनोपज किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड से जुड़ी 15 महिलाओं का समूह हर्बल गुलाल बना रहा है.

इस समिति की अध्यक्ष राखी देवी बताती हैं कि 3 वर्षों से वे गुलाल बना रही हैं. पहले साल 50 किलो, दूसरे साल डेढ़ क्विंटल और इस बार ढाई क्विंटल अबीर बनाया जा रहा है. इसमें अच्छी बात यह है कि यहां बने अबीर की मांग पूरे राज्य में है. रांची, गिरिडीह, ब्लॉक कार्यालय, डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर, विभिन्न थानों, पलाश मार्ट, लोकल बाजार और सखी मंडल की दीदी भी हम लोगों से गुलाल लेकर बाजारों में उपलब्ध करा रही हैं. ऐसे में इस बार हम लोगों को अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है.

बता दें कि पिछले 4 साल से पेटो गांव की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं. इस वर्ष लगभग ढाई क्विंटल अबीर बनाकर उनके द्वारा बेचा गया है. जिससे महिलाओं के चेहरे भी रंग की तरह खिल उठे हैं. अच्छी आमजनी होने से उनके घर भी होली की खुशियां नजर आ रही हैं. जरूरत है ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की, जिससे कड़ी मेहनत के साथ उनकी कमाई भी अच्छी हो.

इसे भी पढ़ें- पलाश के फूल, गुलाब, पालक, नीम के पत्ते से तैयार किया जा रहा हर्बल रंग और गुलाल, जानिए क्या है इसे बनाने का तरीका

इसे भी पढ़ें- होली में केमिकल रंगों से कीजिए तौबा! ले आइये, फल-फूल, पान पत्ता और मुल्तानी मिट्टी से तैयार रंग-गुलाल

इसे भी पढ़ें- पिचकारी, रंग-गुलाल और आकर्षक मुखौटों से सजा उपराजधानी का बाजार, दुकानदारों को अच्छी कमाई की उम्मीद - Holi 2024

ABOUT THE AUTHOR

...view details