झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

नक्सल इलाके में किसानों को बिचौलियों से बचा रहा महिलाओं का समूह, किसानों से उपज को खरीद रही महिलाएं - Initiative of women groups

Women groups bringing change in farming. पलामू के नक्सल इलाके में महिला समूह की अनोखी पहल हुई है. जो कई मायनों में यहां के किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. ये समूह किसानों से फसल खरीदकर उन्हें बिचौलियों से बचा रही हैं.

Women groups bringing change in farming at Naxalite areas in Palamu
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 10, 2024, 8:24 PM IST

पलामूः महिलाओं का एक ऐसा समूह जो नक्सल प्रभावित इलाके में खेती में बदलाव की वाहक बना है. यह समूह किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित कर रहा है और बिचौलियों से किसानों को बचा रहा है. महिलाओं का यह समूह किसानों के उत्पाद को सीधे तौर पर खरीदारी कर रहा है और उत्पाद के लिए बाजार भी तैयार कर रहा है.

नक्सल प्रभावित इलाकों में महिला समूह खेती में बढ़ रहीं आगे (ETV Bharat)

पलामू के इलाके में खेती करना बड़ी चुनौती है. यह इलाका देश में नक्सली हिंसा और कम बारिश के लिए चर्चित है. इस इलाके में महिलाओं का 140 उत्पादक समूह सक्रिय है, एक-एक समूह में 40 से 80 तक महिलाएं जुड़ी हुई हैं. ये महिलाएं उत्पादक किसानों से सीधे तौर पर संपर्क कर रही है. किसानों को गैर-परंपरागत खेती से जोड़ रही हैं साथ ही साथ उनके उत्पाद को भी खरीद रही हैं. किसानों से खरीदे गए उत्पाद को झारखंड लाइवलीहुड हुड प्रमोशन सोसाइटी के पलाश मार्ट के माध्यम से बेचा जा रहा है जबकि किसानों के कई उत्पाद को महिलाएं खरीद रही हैं और बाजार में बेच रही हैं. महिलाएं किसान को बिचौलियों से बचाने के लिए बाजार दर पर उत्पाद को खरीदती है.

महिला समूह कर रहा दलहन और मोटे अनाज का कारोबार

महिलाओं का यह समूह दलहन और मोटे अनाज का कारोबार कर रहा है. दलहन और मड़ूआ को महिलाएं सीधे तौर पर किसानों से खरीद रही हैं. महिलाएं दाल और आटा को तैयार कर बाजार में पलाश मार्ट के माध्यम से बेच रही हैं. सरसों की फसल से तेल तैयार किया जा रहा है और सरसों को बेचा भी जा रहा है. वहीं मक्का केी फसल से चारा तैयार कर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत कई इलाकों में भेजा जा रहा है.

पलामू के सतबरवा की महिला किसान ममता देवी ने बताया कि उनका उत्पादक समूह है. इस समूह के माध्यम से वे किसानों से फसलों को खरीदती हैं और बाजार में बेचती हैं. रूबी देवी ने बताया कि वह बाजार दर पर किसानों से फसलों को खरीदती हैं उसके बाद उत्पाद को तैयार कर बाजार में बेचती है. कई बार बाजार दर पर फसल खरीदने के बाद उन्हें स्टॉक किया जाता है और कीमत बढ़ने पर उन्हें बाजार में बेचा जाता है.

महिला समूह को दिया गया प्रशिक्षण, स्वावलंबी बनी महिलाएं

उत्पादक समूह के लिए महिलाओं को पहले प्रशिक्षण दिया गया है. उत्पादक समूह से जुड़कर महिलाएं किसानों के साथ-साथ खुद को स्वालंबी बना रही है. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की डीपीएम शांति मार्डी ने बताया कि सैकड़ों महिलाएं उत्पादक समूह से जुड़ी हुई हैं. यह महिलाएं किसानों से उत्पाद को खरीदने हैं और पलाश मार्ट के माध्यम से ग्राहकों के लिए उपलब्ध करवाती है.

इसे भी पढ़ें- ओडिशा, यूपी और दिल्ली में पलामू की अरहर दाल की डिमांड, कारोबार से जुड़ी हैं 400 महिलाएं

इसे भी पढ़ें- स्वरोजगार ने दिलाई महिलाओं को पहचान, कभी दूसरों पर थी निर्भर आज बन गईं लखपति दीदी

इसे भी पढ़ें- chhattisgarhiya Millet In G20 Summit : बस्तरिया मिलेट का क्रेज, जी 20 में आई फर्स्ट लेडी को भाया छत्तीसगढ़िया मिलेट, बस्तर की महिलाओं ने भेंट किया मिलेट का उपहार

ABOUT THE AUTHOR

...view details