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शिवराज के गढ़ में मुकाबला कांटे का क्यों ? जानें क्या सोचते हैं बुधनी क्षेत्र के मतदाता

बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के जीत के अपने-अपने दावे. पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव भाजपा और राजकुमार पटेल कांग्रेस से हैं उम्मीदवार.

BUDHNI ASSEMBLY BY POLL 2024
बुधनी विधानसभा उपचुनाव 2024 (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 5, 2024, 10:47 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल बुधनी विधानसभा सीट पर चुनावी घमासान जोरों पर है. उपचुनाव के लिए वोटिंग में अब गिने चुने दिन ही बचे हैं. इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के नेता विंध्यवासनी बीजासन देवी के आशीर्वाद के बाद जनता की शरण की शरण में पहुंच रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लगातार क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. उनका दावा है कि पार्टी इस बार डेढ़ लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज करेगी. उधर कांग्रेस भी जीत का दम भर रही है. हालांकि मतदाताओं को मुकाबला कांटे का नजर आ रहा है.

क्या कहती है क्षेत्र की जनता

पूर्व मुख्यमंत्री और अब केंद्र में बतौर कृषि मंत्री भूमिका निभा रहे शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट पर लगातार 5 बार चुनाव जीत चुके हैं. लोकसभा चुनाव में विदिशा से चुनाव लड़ने के बाद खाली हुई इस सीट से बीजेपी ने इस बार पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को चुनाव में उतारा है. उनका मुकाबला कांग्रेस के राजकुमार पटेल से है, जो 1993 में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. यही वजह है कि मतदाताओं को इस बार चुनाव कांटे का नजर आ रहा है.

बुधनी विधानसभा उपचुनाव 2024 (Etv Bharat)

इस बार बराबर का दिख रहा है माहौल

बीजासन देवी मंदिर में करीबन 35 सालों से पूजा सामग्री की दुकान चलाने संतोष जोगी कहते हैं कि क्षेत्र में पिछले सालों में विकास हुआ है. मंदिर का विकास किया जा रहा है, यहां देवी लोक बन रहा है. हालांकि लोग अपने-अपने हिसाब से ही वोट करते हैं. चुनाव में इस बार माहौल बराबर का दिखाई दे रहा है, क्योंकि दोनों ही दिग्गज नेता हैं. बुधनी चौराहे पर पानी पूरी बेचने वाले राधेलाल साहू कहते हैं कि दोनों पुराने नेता हैं, इसलिए कांटे की टक्कर दिख रही है. हालांकि वे क्षेत्र में हुए विकास से खुश हैं.

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क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की कमी

कपड़ा बनाने वाली कंपनी वर्धमान क्षेत्र की पहचान बनी है, हालांकि स्थानीय युवा मतदाता विकास राजपूत क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की कमी बताते हैं. वे कहते हैं कि यहां रोजगार का कोई पता नहीं है. रोजगार के जितने अवसर मिलने चाहिए थे, वह नहीं है. विकास के मुद्दे पर कहते हैं कि अभी क्षेत्र में और विकास की जरूरत है. गांवों में अच्छी सड़क अभी मुद्दा है.

बीजेपी ने दिया कार्यकर्ताओं को नए टारगेट

बुधनी विधानसभा सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ रही है. 1998 के बाद से कांग्रेस यहां कभी वापसी नहीं कर पाई. 1998 में कांग्रेस के उम्मीदवार देव कुमार पटेल ने यहां आखिरी बार जीत का स्वाद चखा था. इसके बावजूद बीजेपी यहां पूरा जोर लगा रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा लगातार स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने बुधनी, सलकनपुर और शाहगंज में मंडल कार्यकर्ताओं से संवाद किया.

ईटीवी भारत से बातचीत में वीडी शर्मा ने कहा इस बार बुधनी में बीजेपी डेढ़ लाख से ज्यादा मतों से चुनाव जीतेगी. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को चुनाव मैदान में उतारकर उन्हें बली का बकरा बनाया है, क्योंकि वे उपचुनाव में तीन बार पहले भी हार चुके हैं.

बीजेपी 11, कांग्रेस 5 बार जीती चुनाव

बुधनी में तीसरी बार उपचुनाव हो रहे हैं. यह संयोग ही है कि तीनों उपचुनाव शिवराज सिंह चौहान की वजह से हुए हैं और तीनों ही बार कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है. राजकुमार पटेल किरार समाज से आते हैं, जो क्षेत्र में निर्णायक वोट बैंक माना जाता है. बुधनी का चुनावी इतिहास देखें तो इस सीट पर पहला चुनाव साल 1957 में हुआ था और कांग्रेस की राजकुमारी सुराज काला विजयी हुई थीं. इसके बाद से यहां 17 बार चुनाव हुए और इसमें 5 बार ही कांग्रेस जीत दर्ज कर सकी. 11 बार यह सीट बीजेपी की झोली में गई. 1962 में निर्दलीय उम्मीदवार की भी जीत हुई है.

अंतर्कलह किस पर पड़ेगी भारी...

टिकट के ऐलान के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं में नाराजगी के बीज फूटे हैं. कांग्रेस के युवा नेता अर्जुन आर्य ने हाथ छोड़ा और साइकिल की सवारी कर ली और अब चुनाव में कांग्रेस के ही सामने हैं. उधर नाराज हुए बीजेपी नेता राजेन्द्र राजपूत अब बीजेपी की सभाओं में दिखाई दे रहे हैं. जीत को लेकर बीजेपी-कांग्रेस के अपने-अपने दावे हैं, लेकिन बुधनी का सरताज कौन बनेगा यह क्षेत्र की जनता ही तय करेगी.

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