रायपुर : छत्तीसगढ़ यूं तो हाथियों के लिए आरामगाह माना जाता है लेकिन यहां का एक हाथी इतना खुशकिस्मत नहीं है. इस हाथी का नाम सोनू है.जो पिछले 9 साल से बेड़ियों में कैद है. इस हाथी को बेड़ियों से आजाद कराने के लिए समाजसेवी समेत वन्यप्रेमियों ने कानूनी लड़ाई लड़ी लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी हाथी को बंधन से मुक्ति नहीं मिल पाई.विश्व हाथी दिवस पर हम आपको बताएंगे इसी हाथी की कहानी.
आजीवन कारावास झेल रहा सोनू हाथी :सोनू हाथी पिछले 9 सालों से अपनी आजादी की बांट जोह रहा है. विश्व हाथी दिवस के अवसर पर सोनू को छोड़ने की अपील की जा रही है. यह अपील वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने की है. नितिन सिंघवी ने कहा कि पिछले 9 साल से सोनू को बंधक बना रखा है. जिसे छोड़ने की गुहार वे लगातार कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने भी सोनू हाथी को उचित जगह पर भेजने के आदेश दिए. बावजूद इसके आज तक सोनू हाथी बंधक बना हुआ है. नितिन सिंघवी एक बार फिर में शासन और प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि सोनू हाथी को आजाद कर दिया जाए.
प्राकृतिक रहवास में छोड़ने का फैसला :वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने बताया कि,"सोनू हाथी को लेकरआदेश जारी हुआ था कि उसे हाथी रहवास में छोड़ा जाए. लेकिन इसे बंधक बना लिया गया है.कोर्ट ने अंतिम निर्णय दिया है कि इसे ऐसी जगह पर रखा जाए जहां पर जंगली हाथियों का आना जाना हो.जहां पर वह उनसे मिल सके.वह धीरे-धीरे कर वापस जंगली व्यवहार अपना ले, लेकिन आज इस आदेश को लगभग 8 साल हो गए. जंगली हाथी सोनू को वापस छोड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए."
'' कोर्ट के आदेश के अनुसार सोनू हाथी को वापस भेजने का सुझाव वन विभाग को दिए गए. एक्सपर्ट डॉक्टरों ने उसका पालन करते हुए उसको वापस हाथी रहवास में जंगली जीवन अपनाने का मौका देने की बात कही,लेकिन अभी तक हाथी को नहीं छोड़ा गया.''- नितिन संघवी, वन्यजीव प्रेमी
2015 से बंधक बना है सोनू :नितिन सिंघवी ने बताया कि सोनू हाथी अचानकमार टाइगर रिजर्व में 2015 में आया था, और वहीं पर रह गया. इसके ऊपर आरोप लगा कि इसने कई लोगों को मार दिया. जिसके बाद इसे पकड़कर इसे दूसरी जगह पर भेजने के लिए तैयारी हुई.लेकिन वनविभाग ने इसे बंधक बना लिया.सोनू के पैरों में मोटी-मोटी जंजीर बांध दी गई.जंजीर बांधने के कारण सोनू के पैरों में गहरे जख्म हो गए.इसके बाद हाथी के इलाज के लिए केरल और महाराष्ट्र से डॉक्टर बुलाए गए.डॉक्टर ने कहा कि सोनू हाथी 4 सप्ताह बाद ठीक हो जाएगा, उसका छोड़ने के लिए कहा.उसके बाद दोबारा 4 महीने बाद वे डॉक्टर आए और सोनू हाथी को तत्काल छोड़ने के लिए कहा. लेकिन सोनू को नहीं छोड़ा गया.शायद अधिकारियों को डॉक्टरों की सलाह रास नहीं आई.जिसकी सजा आज तक सोनू भुगत रहा है.