जयपुर. लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सीटों पर एक के बाद एक सामने आ रही गफलतों से कांग्रेस की टिकट वितरण प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए हैं. दूसरे चरण के नामांकन के आखिरी दिन गुरुवार को एन मौके पर अर्जुन बामनिया को प्रत्याशी बनाया गया. लेकिन वे नामांकन दाखिल करने नहीं पहुंचे. नामांकन की समय सीमा खत्म होने से ठीक पहले अरविंद डामोर ने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन किया. अब इस सस्पेंस से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पर्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने अर्जुन बामनिया को प्रत्याशी बनाया, लेकिन वे दूर थे और 3 बजे से पहले बांसवाड़ा नहीं पहुंच पाने की स्थिति में नामांकन से वंचित रह सकते थे. इसलिए अरविंद डामोर को नामांकन भरवाया गया. गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से मुखातिब होते हुए यह बात कही.
बाप से गठबंधन की संभावना कितनी?:बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर बाप से गठबंधन की संभावना से जुड़े सवाल पर गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि इसका फैसला पार्टी आलाकमान को करना है. पार्टी आलाकमान ने अलायंस की घोषणा नहीं कि इसलिए वहां पर उम्मीदवार उतारा गया है. आगे की रणनीति भी पार्टी आलाकमान तय करेगा. उन्होंने कहा कि प्रत्याशी हमने मिलकर तय किया है. जिसके लिए पार्टी आलाकमान ने एनओसी दी है.
बामणिया और डामोर दोनों थे टिकट के दावेदार:उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर से अर्जुन बामनिया और अरविंद डामोर दोनों टिकट की दौड़ में शामिल थे. अर्जुन बामनिया थोड़ा दूर थे. वो तीन बजे तक पहुंच नहीं पाते, तो हमें प्रत्याशी तो उतारना ही था. इसलिए अरविंद डामोर ने पर्चा भरा. अर्जुन बामनिया के समर्थकों और उनके बेटे के बाप प्रत्याशी के नामांकन रैली में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के नेता या कार्यकर्ता ने मंच साझा नहीं किया. इसलिए इसमें कोई गलत नहीं है.