चंडीगढ़ :हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तीसरी बार सरकार बनाकर इतिहास रच डाला है. अब विधायक दल की बैठक के बाद हरियाणा की नई सरकार की कैबिनेट का गठन होगा. हरियाणा में सीएम सहित 14 मंत्री बन सकते हैं. वहीं पार्टी ने सैनी समाज के नायब सिंह सैनी को पहले ही सीएम घोषित कर रखा है. ऐसे में जब नई सरकार बनेगी तो कैबिनेट में किस-किस को जगह मिल सकती है, इसकी चर्चा भी शुरू हो गई है. इस बार हरियाणा में बीजेपी के नॉन जाट उम्मीदवार अलग-अलग वर्गों से बड़ी संख्या में जीत कर आए हैं. इनमें पंजाबी, ब्राह्मण, यादव, दलित, गुर्जर, वैश्य और राजपूत शामिल हैं. अगर पार्टी जातीय समीकरणों के हिसाब से कैबिनेट में विधायकों को जगह देती है तो कई नाम इसमें शामिल हो सकते हैं.
क्या है जातीय समीकरण ? :कैबिनेट में कौन शामिल हो सकता है, उससे पहले ये समझना जरूरी है कि हरियाणा में बीजेपी के जीते उम्मीदवारों का जातीय समीकरण क्या है. बीजेपी के सबसे ज्यादा दलित नौ विधायक चुने गए हैं. इसके बाद आठ पंजाबी विधायक चुनकर आए हैं. सात ब्राह्मण, छह यादव और छह जाट उम्मीदवार जीतकर आए हैं. वहीं चार गुर्जर, दो राजपूत, दो वैश्य, दो रोड और एक ओबीसी, एक सैनी समुदाय से जीतकर विधायक बने हैं.
पंजाबी वर्ग से कौन बन सकता है मंत्री ? : सबसे पहले बात पंजाबी वर्ग की करें तो इस वर्ग के आठ विधायक बने हैं. इस वर्ग में सबसे बड़े नेता अनिल विज हैं, जो सातवीं बार विधायक बने हैं. उनका कैबिनेट मंत्री बनना तय माना जा सकता है. इसके अलावा इस वर्ग से जींद से विधायक कृष्ण मिडा का नाम भी शामिल है. वे जींद से तीसरी बार विधायक बने हैं. हालांकि इस वर्ग से घनश्याम दास अरोड़ा यमुनानगर से तीसरी बार विधायक बने हैं लेकिन अनिल विज के कैबिनेट मंत्री बनने पर उनके मंत्री बनने की संभावना कम है क्योंकि उनका क्षेत्र भी अंबाला संसदीय क्षेत्र में आता है. वहीं विनोद भयाना भी हांसी से तीसरी बार विधायक बने हैं, ऐसे में पार्टी उनको भी मौका दे सकती है.
ब्राह्मण वर्ग से कौन बन सकता है मंत्री ? :अगला बड़ा वर्ग जो जीतकर विधानसभा पहुंचा है, वो ब्राह्मण का है. इस वर्ग से सात विधायक चुनकर आए हैं. इनमें बल्लभगढ़ से तीसरी बार विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री मूल चंद शर्मा मंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं. उनके बाद दो बार के लोकसभा सांसद और दो बार के विधायक रहे अरविन्द शर्मा का नाम आता है. गोहाना से विधायक बने अरविंद शर्मा को भी पार्टी कैबिनेट मंत्री बना सकती है. हालांकि इस दौड़ में सफीदों से विधायक और सीनियर नेता राम कुमार गौतम का नाम भी हो सकता है, जो दूसरी बार विधायक बने हैं, हालांकि उनके मंत्री बनने की संभावनाएं कम हैं.
अहीरवाल बेल्ट से किसका नाम ? :में बीजेपी की बल्ले-बल्ले करने वाले विधायकों की बात करें तो इस वर्ग के छह विधायक चुनकर आए हैं, जिनमें कैबिनेट मंत्री बादशाहपुर से विधायक बने राव नरबीर सिंह का नाम सबसे आगे है. छठी बार विधायक बने राव नरबीर सिंह 2014 में मनोहर सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. वहीं अहिरवाल क्षेत्र के दिग्गज नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव पहली बार अटेली सीट से विधायक बनी है. इनका नाम भी मंत्री बनने की लिस्ट में पक्का माना जा रहा है. वहीं पार्टी संगठन से जुड़े नेता लक्ष्मण यादव जोकि दूसरी बार विधायक बने हैं, उन्हें भी मौका दे सकती है.
जाट वर्ग से कौन बन सकता है मंत्री ? :हरियाणा के एक और बड़े वर्ग जाट समाज की करें तो बीजेपी के 6 विधायक इस वर्ग से चुनकर आए हैं. इनमें पानीपत ग्रामीण से दूसरी बार विधायक बने और सैनी सरकार में राज्य मंत्री रहे महिपाल ढांडा का नाम कैबिनेट में आ सकता है. इसके साथ ही राई से दूसरी बार विधायक चुनी गईं कृष्णा गहलावत भी इस दौड़ में शामिल हो सकती हैं. इसके साथ ही राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी और लोकसभा सांसद रहीं श्रुति चौधरी जो कि तोशाम से पहली बार विधायक बनीं हैं, वे भी मंत्रिमंडल में शामिल हों तो कोई बड़ी बात नहीं होगी.