लातेहार: धनबाद रेल मंडल के कुमंडीह स्टेशन पर शुक्रवार की रात मालगाड़ी की चपेट में आने से तीन रेल यात्रियों की मौत हो गई. इस हादसे के बाद रेलवे विभाग पूरे मामले की छानबीन में जुट गया है. हालांकि इस जांच में एक बात भी खुलकर सामने आई है कि रांची-सासाराम इंटरसिटी एक्सप्रेस को कुमंडीह स्टेशन पर 19: 58 बजे रोकी गयी थी. ट्रेन रुकने के चौथे मिनट 20:02 बजे ट्रेन के पिछले बोगी में किसी ने अफवाह फैलाई की बोगी में आग लग गई है. जिससे अफरा तफरी मची और तीन जिंदगियां पलक झपकते ही मौत के आगोश में चली गई.
दरअसल रेलवे सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि लातेहार से इंटरसिटी एक्सप्रेस रात 19:58 बजे जब कुमंडीह स्टेशन पर पहुंची तो वहां से आगे हेहेगड़ा के पास लाइन क्लियर नहीं था. इसी कारण इंटरसिटी एक्सप्रेस को कुमंडीह स्टेशन पर ही खड़ी कर दी गई. अप लाइन पर पहले से ही एक मालगाड़ी खड़ी थी. इसीलिए इंटरसिटी एक्सप्रेस को मेन लाइन में खड़ी की गई थी.
ट्रेन के रुकने के 3 मिनट तक तो सब कुछ सामान्य रहा. परंतु चौथे मिनट में 20:02 बजे जब डाउन लाइन पर एक मालगाड़ी आने लगी तो किसी ने यह अफवाह फैला दिया कि ट्रेन के बोगी में आग लग गई है. इस खबर को सुनने के बाद अचानक बोगी में अफरा तफरी मच गई और यात्री ट्रेन से उतरकर भागने लगे. कुछ यात्री तो ट्रेन से उतरकर डाउन लाइन की तरफ सुरक्षित निकल गए, लेकिन तीन यात्री मालगाड़ी की चपेट में आगे और उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. अब सवाल यह उठता है कि क्या किसी ने मालगाड़ी को सामने से आता देखकर जानबूझकर यह अफवाह फैलाई थी? इन सभी बिंदुओं पर रेलवे विभाग के द्वारा जांच भी आरंभ कर दी गई है.
सभी मृत यात्रियों की हुई पहचान
इधर, घटना के बाद सभी मृत यात्रियों की पहचान हो गई है. मृतक महिला यात्री मंजू देवी बिहार के रोहतास जिले के नासरीगंज की रहने वाली थी. वहीं मृतक नंदलाल शुक्ला मेदिनीनगर पलामू के रहने वाले थे. जबकि तीसरे मृतक विकास कुमार रजक काशीपुर गढ़वा के निवासी थे. घटना के बाद आरपीएफ की टीम ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर ले लिया था. जिनका पोस्टमार्टम शनिवार को किया गया.