पेरिस/सोनीपत :पेरिस ओलंपिक 2024 में हरियाणा की महिला पहलवान विनेश फोगाट को 50 किलो से मात्र 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर डिसक्वालीफाई कर दिया गया है. ऐसे में पूरा देश सदमे में है. मुकाबले से पहले जहां देश और विनेश फोगाट के घर में मेडल आने के पहले ही खुशियां मनाई जा रही थी, वहीं अब पूरा माहौल ही बदल गया है.
कौन हैं विनेश फोगाट ? : विनेश फोगाट हरियाणा से आने वाली भारतीय पहलवान हैं. उनका जन्म 25 अगस्त 1994 को चरखी दादरी के बलाली गांव में पहलवानों के परिवार में हुआ था. विनेश फोगाट के पिता बचपन में ही दुनिया को अलविदा करते हुए विनय का साथ छोड़ चुके थे. ऐसे में उन्हें बचपन से ही कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. विनेश फोगाट ने अपने ताऊ महावीर फोगाट को गुरु बनाया और उनसे ट्रेनिंग ली. महावीर फोगाट की अगर बात करें तो उन्हें प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. साथ ही वे महिला पहलवानों गीता और बबीता फोगाट के पिता भी हैं. विनेश फोगाट ने अपने साथी पहलवान सोमवीर राठी से शादी की थी.
विनेश को मिल चुके हैं कई मेडल :भारत सरकार रेसलिंग में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते विनेश को अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित कर चुकी हैं. विनेश फोगाट ने साल 2013 में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 52 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था. वहीं दक्षिण अफ़्रीका के जोहानसबर्ग में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में 51 किलो भार वर्ग में उन्हें रजत पदक मिला था. ग्लासगो के 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में विनेश ने पहला अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल हासिल किया था. एशियाई चैंपियनशिप 2015 में विनेश ने सिल्वर मेडल जीता था. रियो ओलंपिक में उनसे पदक जीतने की उम्मीदें थी लेकिन क्वार्टर फ़ाइनल मुक़ाबले में वे चोटिल हो गईं थी और इसी के साथ मेडल से दूर हो गई थी. विनेश ने साल 2017 में नई दिल्ली में एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में 55 किलो वर्ग में रजत पदक जीता था. वहीं 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में फोगाट ने 50 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल भी जीता था. 2019 में विनेश फोगाट ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के 53 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था.
विनेश से गोल्ड लाने की थी उम्मीदें :पेरिस ओलंपिक के फाइनल में जब विनेश ने जगह बनाई थी तो हर कोई जश्न मना रहा था. विनेश फोगाट के इस शानदार प्रदर्शन के बाद विनेश फोगाट के ससुर राजपाल राठी ने बताया था कि बड़ी मुश्किल से विनेश ने इस मुकाम को हासिल किया था. विनेश ने मेडल के लिए दिन रात मेहनत की थी. परिवार और देशवासियों को उम्मीद थी कि इस बार विनेश गोल्ड मेडल लेकर ही वतन वापस लौटेगी. वहीं उनके ताऊ महावीर फोगाट ने कहा कि "पूरे देश को पदक की उम्मीद थी. मेरे साथ पूरे देश को दुख है.
ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट जॉर्डन का सुझाव :सिर्फ 100 ग्राम ज्यादा वजन के चलते विनेश को लगे झटके के बाद अंतराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के नियमों में बदलाव की मांग भी की जा रही है. अमेरिकी रेसलर और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट वर्ल्ड चैंपियन जॉर्डन बरोज ने कुश्ती महासंघ से नियमों में तुरंत बदलाव करने और विनेश को सिल्वर मेडल देने की मांग की है. उन्होंने एक्स पर दो अलग-अलग पोस्ट शेयर करते हुए विनेश का सपोर्ट किया. इस बीच रेसलर बजरंग पूनिया ने ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट जॉर्डन के सुझाव का समर्थन किया है. उन्होंने लिखा कि "ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट जॉर्डन के इस प्रपोजल में दम है. ये तुरंत प्रभाव से लागू हो ताकि पहलवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जा सके."
विनेश के लिए बहुत बड़ा आघात :वहीं पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा है कि पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम भार वर्ग में अधिक वजन के कारण मेडल से वंचित रहना देश के लिए पदक का भारी नुक़सान है. साथ ही यह विनेश के लिए व्यक्तिगत रूप से और एक खिलाड़ी के रूप में बहुत बड़ा आघात है. मेरा खेल, राजनीतिक और समाज से जुड़े सभी लोगों से निवेदन है कि खेल राष्ट्र गौरव का विषय है, इसलिए इस विषय पर कोई राजनीति न करें. एक ओलंपिक पदक का नुक़सान हम सभी 140 करोड़ भारतवासियों के लिए ही बड़ा आघात है.
देश की बेटी की पीठ में छुरा घोंपा :वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि विनेश फोगाट के खिलाफ साज़िश हुई है जो एक न एक दिन बेनकाब होगा. साज़िश का ये चक्रव्यूह टूट कर रहेगा. हिंदुस्तान की सरकार कहां है ?. देश के खेल मंत्री कहां है ?. देश के प्रधानमंत्री कहां है ?. कौन है जिसने हरियाणा और देश की बेटी की पीठ में छुरा घोंपा है ? कौन इस नफरती साज़िश के पीछे है?. कौन है जिससे विनेश फोगाट की जीत हजम नहीं हुई ?
चैंपियनों में चैंपियन हैं : वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि "विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं. आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं. आज की असफलता दुखद है. काश मैं शब्दों में उस निराशा को व्यक्त कर पाता जो मैं अनुभव कर रहा हूं. साथ ही मैं जानता हूं कि आप लचीलेपन की प्रतिमूर्ति हैं. चुनौतियों का सामना करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है. मजबूत होकर वापसी करो! हम सब आपके लिए प्रार्थना कर रहे हैं."