पटनाः पूरे देश में 5 मई को नीट की परीक्षा आयोजित हुई थी. परीक्षा के थोड़ी देर बाद ही पेपर लीक का मामला सामने आया. इसके बाद पुलिस ने बिहार के कई जिलों से कई सॉल्वर और अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया. हालांकि कुछ को छोड़ दिया गया. जांच के क्रम में ईओयू को 13 अभ्यर्थियों के रोल कोड मिले थे जिसमें 4 की गिरफ्तारी हो चुकी है. 9 अभ्यर्थियों से पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है. पेपर लीक प्रकरण में सिकंदर को पकड़ा गया है. लेकिन यह भी सामने आ रहा है कि यह सिकंदर मुख्य सरगना नहीं है.
कौन है पेपर लीक माफिया: सिकंदर यादवेंदु, दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है. जिसके निलंबन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सिकंदर इससे पूर्व रोहतास में जूनियर इंजीनियर रहते 2.92 करोड़ के हुए एलईडी घोटाले में भी मुख्य आरोपी रहा है. सिकंदर ने 25 से 30 नीट परीक्षा के अभ्यर्थियों के ठहरने के लिए एक प्ले स्कूल बुक कराया था. इसके अलावा एनएचएआई के गेस्ट हाउस को भी बुक करवाया था, जहां कुछ अभ्यर्थी ठहरे थे. सिकंदर ने यह नहीं यह कबूल किया है कि 40-40 लाख रुपए में अभ्यर्थियों से प्रश्न पत्र की डील हुई थी.
सिकंदर की क्या थी भूमिकाः सिकंदर ही नीतीश, राकेश, पिंटू, रॉकी, आशुतोष के साथ मिलकर पेपर लीक की डील को कंट्रोल कर रहा था. प्ले स्कूल से लेकर अभ्यर्थियों को सीधे केंद्र तक पहुंचाने और बच्चों को प्रश्नों के सभी उत्तर रटवाने में इन सभी की भूमिका रही. परीक्षा के दिन पुलिस को पेपर लीक के सुराग मिल गए थे, परीक्षा शुरू होने से पहले ही सिकंदर को पुलिस ने गिरफ्तार किया जिससे कई अहम सबूत मिले. पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि इस पूरे पेपर लीक कांड का मुख्य मास्टरमाइंड संजीव मुखिया है, जिसका बेटा डॉक्टर शिव शिक्षक बहाली पेपर लीक में गिरफ्तार है.
शिक्षक बहाली पेपर लीक से है कनेक्शनः पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि शिक्षक बहाली पेपर लीक और नीट परीक्षा पेपर लीक दोनों एक ही गिरोह होने कराया है. इसके अलावा लेवल वन के परीक्षा माफिया अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं और लेवल 2 में सिर्फ सिकंदर ही पकड़ा गया है, जबकि अन्य कई की तलाश जारी है. वहीं, दूसरी तरफ बिहार पुलिस ने नीट पेपर लीक में मामले में जिन 4 अभ्यार्थियों को गिरफ्तार किया उनके रिजल्ट सामने आए हैं. पेपर लीक के आरोप में जेल भेजे गए सभी 4 अभ्यर्थियों को अच्छे नंबर नहीं मिले हैं.