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नरक चतुर्दशी कब है, छोटी दिवाली कब मनाएं, करवाचौथ और छठ पूजा किस दिन है, जानिए डिटेल्स

अक्टूबर महीना इस बार त्यौहारों का महीना है. दशहरा के बाद अब दिवाली, करवाचौथ और छठ पूजा का इंतजार है.

WHEN NARAK CHATURDASHI
त्यौहारों का महीना (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 15, 2024, 10:42 PM IST

Updated : Oct 20, 2024, 12:33 PM IST

रायपुर: दिवाली का पर्व इस बार एक नवंबर को पड़ रहा है. क्योंकि 31 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी यानि की छोटी दिवाली का पर्व है. इस दिन यमराज की पूजा होती है और लोग घर में दीपक जलाते हैं. धर्मशास्त्रों और पंडितों के मुताबिक इस साल छोटी दिवाली यानि की नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर के दिन दोपहर 1.15 मिनट से शुरू होगी. यह अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 3.52 बजे समाप्त होगी. इसलिए पंडित और धर्म के जानकार नरक चतुर्दशी 31 अक्टूबर को उदयातिथि में मनाने की सलाह दे रहे हैं.

छोटी दिवाली को रुप चौदस कहा जाता: नरक चतुर्दशी को रूप चौदस भी कहते हैं. ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने एक राक्षस का वध किया था. उस राक्षस का नाम नरकासुर था. इस राक्षस ने 16 हजार महिलाओं को बंदी बना लिया था. भगवान कृष्ण ने इस राक्षस को मारकर 16 हजार महिलाओं को उसकी यातनाओं से आजादी दिलाई थी. इसलिए इस दिन को रूप चौदस कहा जाता है. इस छोटी दिवाली भी कहते हैं.

करवाचौथ कब मनाया जाएगा ? : दीपावली से पहले इस बार महिलाओं के अखंड सौभाग्य का पर्व करवा चौथ मनाया जाएगा. धर्म के जानकारों के मुताबिक इस साल करवाचौथ 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की खातिर निर्जला व्रत रखती हैं. करवाचौथ 20 अक्टूबर रविवार के दिन पड़ रहा है. इस दिन महिलाएं सज धजकर अपने पति की लंबी आयु के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं. रात में चंद्रमा निकलने के बाद चलनी से अपने पति और चंद्रमा को देखकर व्रत तोड़ती हैं. करवाचौथ की शुरुआत 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 6 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा. उसके बाद यह अगले दिन 21 अक्टूबर को सुबह 4.16 पर खत्म होगा.

छठ महापर्व कब है ?: साल 2024 में छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर 2024 से होगी. यह छठ का पहला दिन है. इसे नहाय खाय कहते हैं. इस दिन व्रतीं चावल दाल और कद्दू की सब्जी का भोजन करती है. एक ही बार भोजन करने का विधान है. छठ पर्व का दूसरा दिन खरना का है. यह 6 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन व्रती महिलाएं खीर का भोग छठी माता के लिए बनाती हैं. कहीं कहीं पर यह खीर गुड़ से बनाया जाता है तो कहीं कहीं पर यह खीर चीनी से तैयार किया जाता है. छठ पूजा का तीसरा दिन डाला छठ के संध्या अर्घ्य का होता है. यह सात नवंबर को पड़ रहा है. इस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाएं अर्घ्य देतीं हैं और परिवार के सुख समृद्धि की कामना करती हैं. छठ पूजा का चौथा दिन उषा अर्घ्य का है. यह आठ नवंबर को पड़ रहा है. इस दिन महिलाएं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा करती हैं और परिवार के लिए आशीर्वाद मांगती हैं. उसके बाद पारण होता है. इस तरह इस महापर्व का समापन होता है.

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Last Updated : Oct 20, 2024, 12:33 PM IST

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