उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बनारस में 200 साल पुराने सिद्धेश्वर मंदिर के रहस्यों से उठेगा पर्दा, BHU की टीम करेगी रिसर्च - SIDDHESHWAR MAHADEV TEMPLE VARANASI

मदनपुरा इलाके में मिला सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, पुरातात्विक विभाग का खुलासा- नागर शैली का मंदिर है.

ETV Bharat
BHU पुरातत्व विभाग ने भी इस मंदिर को मध्य काल का माना है (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 11, 2025, 4:41 PM IST

वाराणसी :वाराणसी के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बंद पड़े 200 साल पुराने मंदिर का जिला प्रशासन ने ताला खोल दिया है. इसमें कई शिवलिंग मिले हैं, 15 जनवरी के बाद इस मंदिर में पूजा शुरू हो जाएगी.

मदनपुरा इलाके में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. इससे कुछ हिंदू संगठन ने तत्काल मंदिर खोलने की मांग की थी. इस पर प्रशासन ने मिले मंदिर की जांच की और 2025 के प्रथम सप्ताह में ही मंदिर का ताला खोल दिया. मंदिर के प्राचीनता को लेकर हिंदू पक्ष बड़े बड़े दावे कर रहें. इन दावों पर अब BHU पुरातत्व विभाग का भी समर्थन मिल गया है.

मंदिर को 200 साल पुराना बताया जा रहा है. पुरातत्व विभाग ने भी इस मंदिर को मध्य काल का माना है. उनका मानना है कि ये बनारस के प्राचीन मंदिरों में से एक है. यही नहीं BHU पुरातत्व विभाग ने भी इस पर अध्ययन की बात की है.

जानकारी देते प्रोफेसर अशोक सिंह (Video Credit; ETV Bharat)

मंदिर के रहस्य का BHU पुरातत्व विभाग ने कर दिया खुलासा:इस बारे में BHU पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर अशोक सिंह ने कहा है कि देखने पर पता चलता है कि यह मंदिर खासा पुराना है, जो मध्यकाल भारत का दिखाई दे रहा है. यह नागर शैली का मंदिर है, मुख्य शिवलिंग तो गायब है. लेकिन वहां मौजूद कई शिवलिंग में से एक शिवलिंग पुराना है जो पूर्व मध्यकाल का समझ आ रहा है.

उसके बाद रिनोवेशन की प्रक्रिया हुई है, जिसमें शिवलिंग तो प्राचीन है लेकिन अर्घ बाद में लगाया गया है. इसके साथ ही जब यह मंदिर सार्वजनिक रूप से खुल जाएगा, तो हम इसे जाकर देखेंगे और उसके बाद हमारी टीम जाकर के उस मंदिर का सर्वे करेगी और उस पर हम लोग अध्ययन करेंगे कि यह मंदिर कितने साल पुराना है. यह शिवलिंग कितना पुराना है. मंदिर के और क्या-क्या पहलू हैं.

नागर शैली का है मंदिर :प्रोफेसर अशोक सिंह ने बताया कि मंदिरों में नगर शैली की शुरुआत बहुत पहले से होती है. देखा जाए तो गुप्त काल में यह दिखाई देती है. लेकिन मुख्य रूप से अर्ली मिडिवल काल में नागर शैली के मंदिर दिखते हैं, जिसका वाराणसी में उदाहरण कर्मदेश्वर महादेव मंदिर का है. उसके बाद सिद्धेश्वर महादेव का मंदिर अस्तित्व में आया है. तस्वीरों के माध्यम से यह स्पष्ट होता है और हिंदू मंदिरों में नागर शैली सबसे प्राचीन शैली मानी जाती है.

यह भी पढ़ें :संभल में ASI संरक्षित, तीर्थ स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों को कराया जाएगा कब्जा मुक्त

ABOUT THE AUTHOR

...view details