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अलीगढ़ में सात गेटों का क्या है रहस्य, अंग्रेजों ने क्यों बनाए थे इतने द्वार, पढ़िए पूरी कहानी - Uttar Pradesh

Aligarh Seven Gates Secret: तालों की नगरी अलीगढ़ का अपना एक रोचक इतिहास है. तालों के अलावा यहां के सात गेट भी काफी फेमस हैं. आईए जानते हैं अलीगढ़ के सात गेटों का क्या है रहस्य.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 10, 2024, 10:33 AM IST

अलीगढ़ के सात गेटों का रहस्य बताते एएमयू प्रोफेसर एमके पुंडीर.

अलीगढ़: विश्व भर में ताला नगरी के नाम से ख्याति प्राप्त कर चुके अलीगढ़ शहर को गेटों का शहर भी कहा जाता है. हालांकि, अलीगढ़ को पहले कोल के नाम से जाना जाता था. यहां कोल के नाम से एक किला भी था. इस किले को विस्तार देते हुए अंग्रेजी शासन काल में जिला बनाया गया, जो पूरे तरीके से किले पर आधारित था. इसके लिए शहर में सात गेट हुआ करते थे. इन गेटों के नाम आज भी प्रचलित हैं.

अलीगढ़ जिला कब बना:हर एक गेट के नाम से एक इलाका अलीगढ़ शहर में बसा हुआ है. अगर देखा जाए तो इन सात गेटों पर ही अलीगढ़ मुख्य शहर बसा हुआ है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर एमके पुंडीर बताते हैं कि अलीगढ़ को 1804 में अंग्रेजों द्वारा जिला बनाया गया जो पूरे तरीके से कोल के किले पर आधारित है. कोल के किले को 13वीं शताब्दी में बलवान ने फतह किया.

अलीगढ़ के सात गेट कौन-कौन से हैं:इसके बाद मध्यकाल के 16वीं -17वीं शताब्दी में इस किले का विस्तार चारों दिशाओं मे होता चला गया. यह विस्तार इतना बड़ा था कि इसने एक पूरे शहर का रूप ले लिया. किले के 7 गेट हो गए. इन गेटों के नाम आज भी जिले में प्रचलित हैं. ये गेट हैं- तुर्कमान गेट, दिल्ली गेट, साबित गढ़ गेट, अतरौली गेट, मदार गेट, हाथरस गेट और सातवां सासनी गेट. जो आज भी अलीगढ़ में अपनी एक खास पहचान रखते हैं.

किस लिए अलीगढ़ में बनाए गए थे सात गेट:अगर देखा जाए तो इन सात गेटों पर ही अलीगढ़ मुख्य शहर बसा हुआ है. रात के समय इन गेटों को बंद करके आंतरिक सुरक्षा को पूरी तरह से मेंटेन किया जाता था. इन गेटों के बाद जो सराय थीं वहां अक्सर कारवां आते थे, खासकर ट्रेडिंग पार्टी आया करती थीं. पहले वह सराय में स्टे करते थे. फिर कोतवाल से परमिशन लेकर शहर में प्रवेश करते थे. इस वजह से उस समय शहर में आना और जाना बिल्कुल फ्री नहीं था.

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