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दिल्ली में कला और संस्कृति के क्षेत्र से जुड़े कलाकारों के क्या हैं चुनावी मुद्दे और मांग? - Lok sabha Election 2024

Election 2024 Special story: देशभर में चुनावी घमासान जोरों पर है. हर नागरिक चाह रहा है कि जल्द से जल्द उनकी उंगली पर नीली स्याही लगे. हर किसी को उम्मीद है कि उनके द्वारा चुने गए नेता उम्मीदों पर खरे उतरेंगे. इसी तरह भारतीय संस्कृति को कई आयामों तक पहुंचाने वाले लोगों को भावी सरकार से कई तरह की उम्मीदें हैं. 'ETV भारत' ने भारतीय नृत्य को बढ़ावा देने वाले कुछ कलाकारों से विशेष बातचीत की

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 16, 2024, 12:10 PM IST

कला और संस्कृति के क्षेत्र से जुड़े कलाकारों के क्या हैं चुनावी मुद्दे और मांग (ETV Bharat Reporter)

नई दिल्ली:देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए समर्पित भारत के अग्रणी संस्थानों में से एक के रूप में, श्रीराम भारतीय कला केंद्र को सांस्कृतिक उत्साही लोगों से अत्यधिक सम्मान प्राप्त है. पद्मश्री शोभा दीपक सिंह (उपाध्यक्ष - श्रीराम भारतीय कला केंद्र) ने बताया कि उनकी उम्र 80 वर्ष के करीब हैं. रोज सुबह उठकर सब से पहले वह टीवी देखती हैं. यह जानने के लिये कि देश में किस तरह का चुनावी माहौल है? राजनेता किन किन मुद्दों के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं? लेकिन दुख होता है कि आज भी किसी पार्टी का नेता आर्ट और कल्चर के क्षेत्र के लिए कुछ नहीं कर रहा. इतना ही नहीं उनके घोषणा पत्र में इसका कहीं जिक्र भी नहीं है. बल्कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जो देश की संस्कृति को दुनियाभर में पहुंचा रहे हैं.

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सांस्कृतिक माध्यम में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए:

प्रसिद्ध अभिनेता सुशांत सिंह की पत्नी मोलिना सिंह ने बताया कि वह करीब 27 वर्षों से मीरा के किरदार के रूप में नृत्य प्रस्तुत कर रही हैं. मीरा के अंदर सामान्यता की भावना थी. उसने अपनी हर बात को निडरता से सबके सामने रखा. लेकिन वर्तमान समय में कोई भी व्यक्ति अपने भावों को निडरता से व्यक्त नहीं कर पा रहा हैं. कहीं न कहीं सभी के मन में एक डर है कि अगर किसी ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ कुछ बोल दिया तो जेल में डाल दिया जायेगा या आवाज को ही दबा दिया जायेगा. लेकिन लोगों को मीरा की तरह ही निडरता से अपनी बात सरकार के समक्ष रखनी चाहिए. इसको लोगों तक पहुंचाने के लिए नृत्य एक बेहतरीन माध्यम है.

कलाकार ही देश की संस्कृति को बचाते हैं- ऋचा जैन:मशहूर कथक कलाकार ऋचा जैन का मानना है कि किसी भी देश की पहचान उसकी कला और संस्कृति से लगायी जा सकती है. इस क्षेत्र के कलाकार ही देश की संस्कृति को बचाते हैं. इस समय देशभर में चुनाव का माहौल है. परिणाम घोषित होने के बाद जो सरकार आती है उनसे ऋचा का निवेदन है कि वह अपने देश के कलाकारों को बचाएं. इसके लिए सबसे पहले अच्छे संस्थानों का खोला जाना चाहिए. जहाँ पर कलाकारों को रोज़गार प्रदान किये जाएँ. इसमें उनका एक नियमित वेतन भी सुनिश्चित किया जाये. साथ ही स्कूली स्तर पर प्रमुखता के साथ आर्ट और कल्चर की शिक्षा पर भी जोर दिया जाये.

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