प्रयागराज: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुए हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए. महाकुंभ में हुए इतने बडे हादसे से पूरा देश दुखी है. सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है. मौनी अमावस्या पर अब प्रयागराज में चौथा शाही स्नान तीन फरवरी यानी बसंत पंचमी को पड़ रहा है. अब सवाल उठता है कि इन हालातों में क्या बसंत पंचमी स्नान के लिए प्रयागराज जाना चाहिए या नहीं. अगर प्रयागराज जा भी रहे हैं तो आखिर कौन सी सावधानी बरती जाएं जिससे कोई अप्रिय घटना न हो सके.
बता दें कि मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर करोड़ों संख्या पर श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच गए थे. ज्यादातर श्रद्धालु संगम की रेत पर ही रुक गए थे. सुबह करीब एक से दो बजे के बीच अचानक श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई और कई मौतें हो गईं. इस हादसे की जांच के सीएम योगी ने न्यायिक आयोग का गठन किया है. यह आयोग हादसे की वजहों की तलाश करेगा. हालांकि संगम में अब हालात पूरी तरह से सामान्य हैं. एहतियात के तौर पर आप कुछ खास बातें जरूर ध्यान रखें ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे.
महाकुंभ स्नान से पहले यह जरूर जान लें
1. संगम नोज पर स्नान की जिद न पालें: प्रयागराज में मौजूदा समय पर संगम नोज पर सबसे ज्यादा लोड की खबरें आ रहीं हैं. ज्यादातर श्रद्धालु यहां स्नान करने की जिद पर अड़े हैं. इस वजह से यहां कई बार काफी भीड़भाड़ हो रही है. ऐसे में आप यहां जाने से बचें.
2. 15 किमी. के दायरे में कर सकते स्नानःजूना अखाड़ा के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरि कह चुके हैं. अति उत्साह से बचें. उन्होंने कहा कि सभी को उन घाटों पर नहाना चाहिए जहां भीड़ कम होअधिक भीड़ वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए. यहां हर तरफ गंगा, जमुना, सरस्वती का प्रभाव है. श्रद्धालुओं से आग्रह है कि संगम के 15 किलोमीटर दायरे में कही भी स्नान कर सकते हैं. जिन घाटों पर भीड़ कम हो वहां जाएं और स्नान करें वैसा ही पुण्य मिलेगा.
3. धक्कामुक्की से बचेंः महाकुंभ में कल हुए हादसे में सबसे बड़ी वजह आपस में धक्कामुक्की आई है. भारी दबाव के चलते भगदड़ मच गई. धक्कामुक्की से बचने के लिए भारी भीड़ का हिस्सा न बनें. कोशिश करके ऐसे स्थानों की ओर जाएं जहां भीड़ कम हो और परेशानी का सामना न करना पड़े.
4. बीमार बुजुर्गों-बच्चों को लेकर न जाएं: अगर घर में कोई बुजुर्ग बीमार है और बच्चे बेहद छोटे हैं तो कोशिश करके उन्हें संगम स्नान के लिए न ले जाएं. भारी भीड़ में उन्हें काफी परेशानी हो सकती है और आपको भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आप उन्हें घर पर ही संगम से जल लाकर स्नान के लिए दे दें.
5. काफी देर तक घाट पर न डटे रहेंःसंगम स्नान के बाद आप घाट पर जमे न रहें. कोशिश करके घाट से जल्द से जल्द निकलें ताकि पीछे से आ रहे श्रद्दालुओं को स्नान में कोई समस्या न आएं. स्नान वाले घाटों से निकलने के बाद आप चाहें तो आश्रम, भंडारे या फिर किसी और स्थान पर आराम कर सकते हैं. घाटों पर जहां ज्यादा भीड़ हो वहां से निकलते रहे.