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जनभागीदारी के साथ जल संचय में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल स्थान पर, जल विजन 2047 में बोले केंद्रीय मंत्री - WATER VISION 2047

भारत सरकार के जल विजन 2047 के तहत राज्यों के जल मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन उदयपुर में हुआ.

WATER VISION 2047
जल विजन 2047 (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 19, 2025, 1:24 PM IST

Updated : Feb 19, 2025, 1:33 PM IST

रायपुर:राजस्थान के उदयपुर में हुए जल विजन 2047 में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव और वन मंत्री केदार कश्यप शामिल हुए. अरुण साव ने राज्य में जल संरक्षण, जल प्रबंधन और जल नीति के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के जल संसाधन मंत्री शामिल हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने की. सम्मेलन में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, केन्द्रीय राज्यमंत्री चौधरी शामिल हुए.

जल संचय के लिए छत्तीसगढ़ की तारीफ:जल विजन 2047 में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने छत्तीसगढ़ में जल संचय को लेकर हो रहे कामों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि जनभागीदारी के साथ जल संचय में छत्तीसगढ़ राज्य देश में अव्वल स्थान पर है. राज्य में जल संरक्षण और संवर्धन के लिए 2 लाख 29 हजार से ज्यादा संरचनाएं बनाई गई है. दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है. यहां 1 लाख संरचनाएं बनाई गई है. तीसरे नंबर पर राजस्थान है. यहां 60 हजार संरचनाएं बनाई गई है.

जल विजन 2047 (ETV Bharat)

केन्द्रीय मंत्री ने कहा गांव का पानी गांव में ही रोक लिया जाए तो पानी की किल्लत कभी नहीं होगी. मंत्री ने कहा कि इस समय धन संचय नहीं जल संचय करना है. राजस्थान के लोग सात पीढ़ियों के लिए धन संचय करते हैं, ज्यादातर पैसे यही के लोगों के पास है. लेकिन पानी मशीन में बनना वाला नहीं है. धन से ज्यादा जल को संचय करने की जरूरत है.

छत्तीसगढ़ जल उपलब्धता असमानता का कारण:जल विजन 2047 में छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने कहा "छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न राज्य है, यहां 44 प्रतिशत से ज्यादा भू-भाग में वन हैं. छत्तीसगढ़ राज्य का उत्तरी और दक्षिणी भाग पठारी और जंगलों से घिरा हुआ है. राज्य का मध्य हिस्सा मैदानी है. इस कारण राज्य में जल उपलब्धता असमान है. इस असंतुलन को दूर करने के लिए जल संरक्षण और प्रबंधन को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है."

छत्तीसगढ़ जल नीति 2022:मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ जल नीति 2022 के तहत जल संसाधनों का वैज्ञानिक और सतत विकास सुनिश्चित किया जा रहा है. इसके अलावा, भूजल अधिनियम 2022 लागू किया गया है और भूजल नियामक प्राधिकरण की स्थापना की प्रक्रिया जारी है. जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न जल संकट से निपटने के लिए सरकार सूक्ष्म सिंचाई, पाइप सिंचाई नेटवर्क, जलग्रहण क्षेत्र विकास और जल-जगार अभियान को प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में गंगरेल डैम और रविशंकर जलाशय से रायपुर और धमतरी की जल आपूर्ति की जाती है.

मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि जल विजन 2047 के तहत राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए हैं. सिंचाई क्षमता 37.82 प्रतिशत से बढ़ाकर 56 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. जल भंडारण 7900 मिलियन घन मीटर से बढ़ाकर 16,000 मिलियन घन मीटर तक ले जाना औक औद्योगिक जल उपयोग 2208 मिलियन घन मीटर से 6000 मिलियन घन मीटर तक बढ़ाना है. पेयजल आपूर्ति 584 मिलियन घन मीटर से 2094 मिलियन घन मीटर और भूजल निकासी 5757 मिलियन घन मीटर से 8000 मिलियन घन मीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य है.

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Last Updated : Feb 19, 2025, 1:33 PM IST

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