जयपुर :साल 2024 बारिश के लिहाज से राजस्थान के लिए खास ही रहा. इस बार सालों पुराने रिकॉर्ड टूटे. राजस्थान में इस बार काफी अच्छी बारिश हुई है और मानसून की बारिश ने नया रिकॉर्ड बनाया है. इस बारिश के बीच राज्य में कई जगहों पर आपदा के हालात पैदा हो गए. इन हालात को लेकर पद्म श्री लक्ष्मण सिंह लापोड़िया ने कहा कि बेतरतीब बस रहे शहरों के विकास के बीच इस बुनियादी बातों को नजर अंदाज किया गया. इस दौरान न तो तालाब का ख्याल आया और न ही सड़क पर बहने वाले पानी के रास्ते की फिक्र की गई. उन्होंने कहा कि शहरों के हालात यह है कि पार्क की जमीन पर प्लाटिंग हो जाती है. यही वजह है कि अच्छी बारिश बाढ़ ले आती है और कम बारिश में सूखा पड़ जाता है. इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि पानी की निकासी कैसे हो और पानी को कहां पर रोका जाए.
शहरी विकास की मिसाल जयपुर की चारदीवारी :लक्ष्मण सिंह कहते हैं कि किसी शहर को बसावट के लिहाज से समझना है तो जयपुर की चारदीवारी को देखना चाहिए, जहां पानी निकासी के रास्तों के साथ-साथ तालाबों का निर्माण किया गया. पुरातन जयपुर के हर चौराहे पर कुएं थे. सवाई जय सिंह की ओर से साल 1727 में बसाए गए इस शहर को लेकर उनका कहना है कि यहां करीब 300 साल पहले जल प्रबंधन का शहर बसाने से पहले ख्याल किया गया था. आज के दौर में बसने वाले शहर और कॉलोनियों में इसी बुनियादी बात को नजरअंदाज कर दिया जाता है. लक्ष्मण सिंह कहते हैं कि धरती पर बरसने वाले पानी को भी सहेज कर रखने की जरूरत है. छत का पानी घरों के नीचे बने टांकों में रोका जाना चाहिए. इसी तरह से खेत का पानी खेतों में बने फार्म पौंड में रोका जाना चाहिए. इसी तरह से गांव के पानी को रोकने के लिए तालाब बनाने चाहिए. अगर इस परंपरागत व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया तो नदियों को जोड़कर जल लाने की योजना के बावजूद चुनौतियां बनी रहेगी.