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जुलाई में फिर गूंजेगी 6 दिन शहनाई, फिर 4 महीने के लिए सो जाएंगे भगवान - Vivah Muhurat in July

जुलाई में एक बार फिर शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी. बता दें जुलाई महीने में 6 दिन ही शादी के लिए शुभ मुहूर्त हैं. इसके बाद चार महीने मांगलिक कार्य फिर बंद हो जाएंगे.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 10:14 PM IST

VIVAH MUHURAT IN JULY
जुलाई में फिर गूंजेगी 6 दिन शहनाई (Getty Image)

VIVAH MUHURAT IN JULY: मई और जून के बाद थमी शहनाइयों की गूंज अब जुलाई में एक बार फिर सुनाई देगी और शादियों की धूमधाम भी नजर आएगी. हालांकि जुलाई में सिर्फ 6 दिन ही शादी के लिए मुहूर्त बताए जा रहे हैं. पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि 61 दिन बाद शुक्र ग्रह 28 जून को उदय होने वाले हैं. 17 जुलाई से भगवान विष्णु समेत देवी देवता विश्राम मुद्रा में चले जाएंगे. इसके बाद चार महीने मांगलिक कार्य फिर बंद रहेंगे.

जुलाई में सिर्फ 6 दिन विवाह के मुहूर्त फिर शुरू होगा चातुर्मास

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि सुख समृद्धि और खुशहाली का पैमाना माने जाने वाले शुक्र ग्रह 28 जून को पश्चिम दिशा से उदय हो रहा है. इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे और जुलाई में 9 तारीख से लेकर 15 तारीख तक विवाह के मुहूर्त हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार नौ ग्रहों में गुरु, शुक्र और सूर्य का उदय होना जरूरी माना गया है, लेकिन, 29 अप्रैल को शुक्र और छह मई को गुरु अस्त हो गए थे. इसके चलते मई और जून माह में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं थे. शास्त्री ने बताया कि 17 जुलाई से ही हरिशयनी एकादशी और सूर्य कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे. हालांकि, जुलाई में शादी के शुभ मुहूर्त 6 ही पड़ रहे हैं. नवंबर एवं दिसंबर में भी कम मुहूर्त है. ज्योतिष पंचांग के अनुसार गुरु व शुक्र के अस्त होने, 17 जुलाई से हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाएगा. इसके चलते भी शुभ लग्न बंद हो जाएंगे.

17 जुलाई से सो जाएंगे देवी देवता, नहीं होंगे मांगलिक कार्यक्रम

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि 17 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जाएंगे. इसलिए 9 जुलाई से 15 जुलाई के बीच ही मांगलिक कार्यक्रम के लिए शुभ मुहूर्त है, क्योंकि 15 जुलाई को भड़ली नवमी है और 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है. शास्त्रों में कहा गया है कि देवशयनी एकादशी के दिन से 4 महीने के लिए भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी-देवता विश्राम के लिए चले जाते हैं. हिंदू धर्म में इन 4 महीनों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. यह 4 महीने सावन, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक मास हैं. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम नहीं होते. कहा जाता है कि भगवान विष्णु सो जाते हैं, इसके बाद शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्यक्रमों चार माह थम जाएंगे. इसी दिन से चातुर्मास भी प्रारम्भ होगा. जो 4 महीने बाद के कार्तिक शुक्ल एकादशी में 12 नवम्बर को समाप्त होगा और मांगलिक कार्य एक बार फिर शुरू होंंगे.

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सुख समृद्धि और खुशहाली के स्वामी माने जाते हैं शुक्र ग्रह

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि शुक्र ग्रह को सुख समृद्धि और खुशहाली का स्वामी माना गया है. मांगलिक कार्य के लिए शुक्र का उदय होना जरूरी होता है. क्योंकि धन, वैभव, प्रेम, सौंदर्य और सुख-समृद्धि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं. इसलिए विवाह सहित सभी मांगलिक कार्य इनके उदय होने पर ही शुरू होता है. गुरु, शुक्र और सूर्य के उदय होने हर तरह के शुभ मुहूर्त बनते हैं.

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