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स्पोर्ट्स जर्सी पहनकर विधानसभा पहुंचीं विनेश फोगाट, साक्षी मालिक की किताब में लिखी बातों पर सुनिए क्या बोलीं!

पहली बार विधायक बनने पर विधानसभा पहुंचीं विनेश फोगाट ने कहा कि खिलाड़ी हूं, उसी भावना के साथ विधानसभा आई हूं

Vinesh Phogat in Haryana Assembl
Vinesh Phogat in Haryana Assembl (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 4 hours ago

Updated : 4 hours ago

Vinesh Phogat in Haryana Assembl (Etv Bharat)

चंडीगढ़:हरियाणा में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़कर विधायक बनीं विनेश फोगाट शुक्रवार को चंडीगढ़ पहुंचीं. जहां विनेश फोगाट ने उन्हें विधायक बनाने के लिए जनता का धन्यवाद किया है. वहीं, उन्होंने कहा कि शपथ लेते ही मेरी जिम्मेदारी शुरू हो जाती है. तो वहीं, साक्षी मलिक की किताब को लेकर पूछे गए सवाल पर वह बचती हुई नजर आई. उन्होंने इस पर खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

'जुलाना की जनता के साथ हमेशा साथ हैं': विनेश फोगाट ने कहा कि अच्छा लगा कि लोगों ने उन्हें उम्मीदों के साथ विधानसभा भेजने का काम किया है. हम उनकी आवाज को विधानसभा में उठाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि उनका विधानसभा का पहला दिन था, सीनियर नेताओं से मिलकर अच्छा लगा. यह भी पता लगा कि हरियाणा के फैसले कहां से होते हैं. उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में जुलाना की प्रतिनिधि बनकर आईं है और वह जुलाना के लोगों के साथ साथ हरियाणा की जितनी महिलाएं, किसान, खिलाड़ी और जवान हैं. उनकी आवाज उठाती रहेंगी. इसके साथ ही उन्होंने स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के साथ ही सीएम को भी बधाई दी.

'जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की रहेगी कोशिश': उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष के लोगों को हरियाणा की जनता ने जिस उम्मीद से चुना है. हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का काम करेंगे और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम करेंगे. वहीं, शपथ के दौरान उनके नारा लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह उनकी भावनाएं थी. हम हमेशा किसान, जवान और खिलाड़ियों की बात करते आए हैं. यह सब देश की रीढ़ की हड्डी है. इसलिए उनका सम्मान करने पर मुझे गर्व है.

'परिवार की बातें, परिवार में रहना ही सही': साक्षी मालिक की किताब को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मैने तो वह किताब पढ़ी नहीं. मैं उसके बारे में बोल तभी सकती हूं. जब मैं अपने आप उसको पढ़ लूंगी. महावीर फोगाट के बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि विनेश को राजनीति का लालच था. इस पर उन्होंने कहा कि मैं ऐसी टिप्पणियों पर कोई जवाब नहीं देना चाहती हूं. बोलने को बहुत कुछ बोल सकती हूं. लेकिन मेरी अपनी मर्यादा है. उन्हें कहा कि परिवार की बात परिवार तक रहे तो अच्छा लगता है.

'पक्ष-विपक्ष को मिलकर करना है काम': वहीं, साक्षी मालिक की किताब में लिखा गया है कि बबीता फोगाट बृज भूषण की कुर्सी पर बैठने चाहती थी. इस पर विनेश फोगाट ने कहा कि मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहती हूं. किसको क्या करना है क्या नहीं करना है से अच्छा हम अपने पर ध्यान दें तो देश और दुनिया का एनवायरनमेंट बदल जाएगा. इसलिए मेरा फोकस अपने आप पर है. वहीं, उन्होंने कहा कि साक्षी मालिक ने किताब लिखी है, तो अच्छी बात है उसमें कोई गलत बात नहीं है.

'विनेश फोगाट बनकर रहना चाहती हूं': कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर उन्होंने किसके नाम को ऑब्जर्वर के सामने रखा है. इस पर उन्होंने कहा कि परिवार की बात परिवार में रहनी चाहिए. तो यह बातें अच्छी लगती हैं. हमने अपनी बात पार्टी आलाकमान को बता दी है. वो जो फैसला लेंगे, मैं हर चीज में सकारात्मक रहना चाहती हूं. दूसरों को देखकर मैं उनकी तरह व्यवहार करने लग जाऊंगी. मैं चाहती हूं कि मैं विनेश फोगाट बनकर रहूं.

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