श्रीनगर:राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर के निर्माण कार्य को सुमाड़ी के ग्रामीणों ने रुकवा दिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिस जगह पर एनआईटी के स्थायी परिसर का भूमि पूजन हुआ है, उससे काफी दूर एनआईटी का निर्माण कार्य किया जा रहा है. साथ ही ग्रामीणों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया. वहीं, ग्रामीणों ने एक हफ्ते के भीतर एनआईटी, जिला प्रशासन, एनबीसीसी समेत कार्यदायी कंपनी के साथ संयुक्त रूप से बैठक करने की मांग की.
एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर का निर्माण कार्य ठीक से शुरू भी नहीं हुआ था कि ग्रामीण विरोध में उतर आए हैं. इसी कड़ी में चमराड़ा बैंड के पास एनआईटी परिसर निर्माण में जुटी कंपनी के ऑफिस के बाहर सुमाड़ी गांव के ग्रामीण जमा हो गए. जहां ग्रामीणों ने एनआईटी प्रशासन समेत जिला प्रशासन पर अनदेखी करने और चिन्हित स्थान पर निर्माण कार्य न करवाने को लेकर आक्रोश जताया. इस दौरान ग्रामीणों और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई.
इतना ही नहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने कार्यदायी कंपनी का ऑफिस तक बंद करवा दिया. इसके बाद साइट इंचार्ज विकास बाबू के निर्देश पर ऑफिस में कर्मचारियों ने सांकेतिक रूप से ताले लगाने के साथ काम बंद कर दिया. साइट इंचार्ज के समझाने और आश्वासन के बाद ग्रामीण वापस घर लौटे. साथ ही एक हफ्ते के भीतर वार्ता करने की बात कही.
ग्रामीण विपुल जोशी ने कहा कि दो बार एनआईटी के स्थाई परिसर निर्माण को लेकर भूमि पूजन हो चुका है. साल 2019 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जिस स्थान पर भूमि पूजन किया. उस जगह से 3 किमी दूर पर निर्माण कार्य हो रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने अपनी 82 हेक्टेयर भूमि एनआईटी को दान दी थी. ताकि, क्षेत्र के विकास के साथ ग्रामीणों को रोजगार मिल सके.