दुमकाः जिला में शिकारीपाड़ा प्रखंड के गंदरकपुर और पंचवाहिनी इलाके में कोल ब्लॉक की एक सर्वे कंपनी के पांच सदस्यों को ग्रामीणों ने सर्वे करने से रोक दिया. घंटो तक मान-मनौव्वल के बाद भी ग्रामीण नहीं माने. इस कारण सर्वे टीम को अपने उपकरणों के साथ बैरंग वहां से वापस लौटना पड़ा.
क्या है पूरा मामलाः
पिछले कुछ महीने से दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड में आवंटित कोल ब्लॉक के विरोध में ग्रामीण लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि किसी भी हाल में कोल ब्लॉक चालू नहीं होने दिया जाएगा. इसी बीच सोमवार को प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की सर्वे टीम को ग्रामीणों ने रोका और उनके पांच सदस्यों को इलाके में सर्वे करने से रोक दिया. ग्रामीणों का कहना है आप लोगों ने बगैर ग्रामसभा की अनुमति लिए यहां आए हैं, ऐसे में हमलोग ये काम नहीं होने देंगे, आप यहां से चले जाएं.
मिली जानकारी के अनुसार कोल कंपनी की तरफ से सर्वे टीम में झारखंड के गुमला के उज्जवल कुमार सिंह के साथ बिहार के सारण के संतोष कुमार ओझा और पश्चिम बंगाल के असीम बाग, इलियास मंडल और मंगलदीप माझी शामिल हैं. इस बीच घंटों तक ग्रामीणों की तरफ से विरोध और सर्वे टीम के द्वारा मान-मनौव्वल का प्रयास चलता रहा लेकिन उन्हें काम करने नहीं दिया गया. इसके बाद सर्वेक्षण करने गई टीम के सदस्यों से दोबारा बगैर ग्रामसभा की अनुमति के गांव में प्रवेश नहीं करने का लिखित बॉन्ड लेने के बाद ग्रामीणों ने उन्हें वापस भेज दिया. जानकारी के मुताबिक कोल कंपनी के सर्वे टीम के पांच लोग गंधर्वपूर और पंचवाहिनी गांव में रोड, घर, मंदिर, स्कूल का सर्वे करने के लिए पहुंचे थे. इन लोगों ने ग्रामसभा की अनुमति नहीं ली थी, इसी वजह से ग्रामीणों ने इन्हें वापस भेज दिया.