मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर:जिले में जल जीवन मिशन योजना मजाक बन कर रह गया है. यहां लोगों को पेयजल के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है. इस मामले में गांव के सरपंच ने जल जीवन मिशन का काम आधा-अधूरा रहने की बात कही है. दूसरी तरफ भरतपुर सोनहत विधायक रेणुका सिंह ने तत्कालीन भूपेश सरकार पर केन्द्र की योजनाओं को सही तरीके से न अपनाने की बात कही है.
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत: दरअसल, केन्द्र सरकार के जल जीवन मिशन योजना के तहत एमसीबी के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की बड़ी-बड़ी टंकियों का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, इसमें विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण इस योजना से शुरू किया गया काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. यही कारण है कि इस बार भी भीषण गर्मी में ग्रामीणों को पेयजल के लिए जद्दोजहद करना पड़ेगा. यहां के ग्रामीण पिछले कई सालों से नाले, गड्ढे और तुर्रा के पानी से गुजारा कर रहे हैं. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. पानी की किल्लत को लेकर प्रशासन से कई बार शिकायत भी की गई. लेकिन किसी ने अब तक ग्रामीणों की सुध नहीं ली.
विधायक का पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप:इस बारे में भरतपुर सोनहत विधायक रेणुका सिंह ने कहा कि, "जल जीवन मिशन में कोई काम हुआ ही नहीं. मैं वर्तमान में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार को इस मामले में पत्र भी लिखी हूं. मैं जिस-जिस गांव में गई हूं. कार्यों से संतुष्ट नहीं हुई. अभी और चुनाव के दौरान कई जगहों का दौरा करुंगी. इसके बाद जांच की मांग करुंगी. साथ ही यह भी कहूंगी कि पूर्ववर्ती सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं को सही ढंग से नहीं अपनाया. जो राशि आती थी टेंडर में बहुत लेट लतीफ करते थे, जो काम होते थे, उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र भी भारत सरकार को नहीं दिया जाता था, जिसका बहुत बड़ा नुकसान प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है."