विकासनगर/बागेश्वर/रुद्रप्रयाग:उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर वोटिंग हुई, लेकिन कई जगहों पर लोगों की नाराजगी की वजह से वोट ही नहीं पड़े. ग्रामीणों ने पूरी तरह से वोटिंग का बहिष्कार कर दिया. बागेश्वर में सड़क और पुल की मांग को लेकर मतयोली में ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया. जिस कारण बूथ पर 5 बजे तक किसी भी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया. वहीं, चुनाव बहिष्कार की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने उन्हें मानने का काफी प्रयास किया. फिलहाल, प्रशासन ग्रामीणों को मनाने में जुट गया है, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अडिग हैं. उधर, रुद्रप्रयाग के इशाला और रिंगेड़ के ग्रामीण वोट देने नहीं गए. वहीं, टिहरी संसदीय सीट के चकराता के 12 गांवों में चुनाव का बहिष्कार किया.
चकराता विधानसभा क्षेत्र के 12 गांव में चुनाव बहिष्कार:टिहरी संसदीय क्षेत्र के चकराता विधानसभा क्षेत्र के 12 गांवों के लोगों ने चुनाव बहिष्कार कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि वो अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है, लेकिन तमाम नेता और विभागीय अधिकारी सड़क का निर्माण नहीं कर पाए हैं. इसलिए वो चुनाव बहिष्कार कर रहे हैं.
चकराता के प्राथमिक विद्यालय मिण्डाल बूथ संख्या 82 के पीठासीन अधिकारी रतनदीप श्रीवास्तव का कहना है कि अभी तक इस बूथ पर एक भी मत नहीं पड़ा है. वो लोगों से बातचीत कर लोकतंत्र में भागीदारी कर वोट डालने के लिए समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण मान नहीं रहे हैं. बता दें 12 गांवों के 5 बूथों पर 3 हजार से ज्यादा मतदाताओं को मतदान करना था, लेकिन चुनाव बहिष्कार के चलते सन्नाटा पसरा हुआ है.
मतयोली के ग्रामीणों ने 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' के नारे को किया बुलंद:बागेश्वर विधानसभा के मतयोली में सुबह से मतदान की प्रक्रिया सुचारू हो चुकी थी, लेकिन गांव के किसी भी मतदाता ने अपने मत का प्रयोग नहीं किया. मतदाताओं ने मतदान के बहिष्कार की घोषणा आज भी जारी रही. ग्रामीण सड़क न बनने से नाराज थे. इस दौरान ग्रामीणों ने 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' के नारे लगाए.