शिमला: एक समय था जब होलीलॉज पावर ऑफ सेंटर हुआ करता था. संगठन और सरकार दोनों ही यहां से चलते थे, लेकिन बीते दो सालों वीरभद्र सिंह के निधन के बाद ये परिस्थितियां बदल गई हैं. राजनीतिज्ञों का मानना है कि होलीलॉज के पास संगठन का रिमोट तो है, लेकिन अब इस रिमोट में वो पावर नजर नहीं आती जो एक जमाने में हुआ करता थी. हम ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सुक्खू सरकार दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर 11 दिसंबर को बिलासपुर में कार्यक्रम आयोजित कर रही है. इसके लिए सरकार ने तैयारी भी शुरू कर ली हैं.
हाल ही में सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह से बिलासपुर में होने वाले कार्यक्रम के बारे में मीडिया ने सवाल किया था. इस पर विक्रमादित्य ने इस प्रकार के कार्यक्रम को लेकर कोई भी जानकारी न होने की बात कही थी. इसके बाद संगठन और सरकार के बीच तालमेल न होने की खबरें मीडिया में प्रकाशित हुई थीं. बीजेपी ने भी विक्रमादित्य सिंह के बयान के बाद सुक्खू सरकार पर तंज कसा था.
'होलीलॉज मुक्त कांग्रेस चाहते हैं सीएम सुक्खू'
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम ठाकुर ने कहा था कि, 'कांग्रेस में भारी गुटबाजी है. सीएम सुक्खू होलीलॉज को पूरी तरह से ठिकाने पर लगाने में लगे हुए हैं. ये उनकी पहली प्राथमिकता है. सीएम कांग्रेस को होलीलॉज मुक्त करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम दो साल पूरा होने पर जश्न मनाएंगे, लेकिन होलीलॉज से संबंधित कैबिनेट मंत्री और पार्टी अध्यक्ष कह रहे हैं कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है.'
'होलीलॉज को कोई नहीं कर सकता डिस्लॉज'