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नीतीश कुमार के NDA में जाने पर विक्रमादित्य सिंह ने ली चुटकी, सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ही दे दी नसीहत

Vikramaditya Singh On Bihar CM Nitish Kumar: बिहार के सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ एक बार फिर से बीजेपी के साथ सरकार बना ली है. ऐसे में हिमाचल के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार को सिद्धांत और नैतिकता की याद दिलाया है. वहीं, सोशल मीडिया पर कई यूजर्स विक्रमादित्य सिंह को ही घेरते नजर आए. पढ़िए पूरी खबर...

Vikramaditya Singh On Bihar CM Nitish Kumar
सोशल मीडिया यूजर्स ने विक्रमादित्य सिंह को दी नसीहत

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 29, 2024, 12:37 PM IST

Updated : Jan 29, 2024, 1:13 PM IST

शिमला:बिहार के सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार गिराकर, एक बार फिर से एनडीए के साथ सरकार बना ली है. जिसकी वजह से आरजेडी और कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी से मुकाबला करने के लिए विपक्ष को लामबंद करने वाले नीतीश कुमार ही थे. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नीतीश कुमार को सिद्धांत और नैतिकता का पाठ पढ़ाया है.

कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा "कुर्सी से चिपके रहने का ऐसा भी क्या लोभ की नौ बार अलग पार्टियों की फेविकॉल की आवश्यकता पड़े. सिद्धांत और उच्च मूल्य की राजनीति सुशासन बाबू से कोसों दूर हैं. अब तो इतिहास उन्हें किसी और ही नाम से जानेगा. कितने साल शासन किया यह मायने नहीं रखता, कैसा शासन दिया और जनता को क्या महसूस करवाया यह महत्वपूर्ण है."

विक्रमादित्य सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट पर लोगों ने कमेंट

वहीं, कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा बिहार के सीएम नीतीश कुमार को नसीहत देना कई सोशल मीडिया यूजर्स को पसंद नहीं आया. उल्टा एक सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ही नसीहत दी है कि ''डूबते जहाज में कौन रहना चाहेगा? हवा का रूख भांप कर निर्णय लिया महोदय ने, लोकसभा चुनाव के बाद हिमाचल में भी यही होगा जय श्री राम"

सोशल मीडिया यूजर्स ने विक्रमादित्य सिंह को किया ट्रोल

वहीं, एक अन्य यूजर्स ने लिखा "9 बार जिन पार्टियों ने फेविकोल दिया, अब स्वयं उन्हें फेविकोल की जरूरत आन पड़ी है. लड़ाई उनकी भी कुर्सी की है. कुर्सी से चिपकना वे भी चाहते हैं, लेकिन कोई फेविकोल दे नहीं रहा. यहां रोना किसी सुशासन बाबू या दूसरे की कुर्सी या दूसरे के फेविकोल का नहीं है, दुख अपनी कुर्सी और अपने फेविकोल का है. राम मंदिर के बाद अब न तो कुर्सी के लिए लकड़ी मिल रही है और न फेविकोल. 2024 में अब दरी से काम चलाना पड़ेगा. भय दरी पर बैठने का है, कुर्सी तो मिलने से रही."

सोशल मीडिया यूजर्स ने विक्रमादित्य सिंह को दी नसीहत

वहीं, एक सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा है कि जनाब हालात के साथ-साथ एक दिन खुद आप भी बीजेपी में आ जाओगे.

Last Updated : Jan 29, 2024, 1:13 PM IST

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