शिमला: हिमाचल में लोकसभा चुनाव भले अंतिम चरण में 1 जून को होने हों लेकिन बयानबाजी का दौर सियासी गलियारों में उबाल मार रहा है. खासकर मंडी लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी नेता आमने-सामने हैं. गुरुवार को कंगना रनौत में मनाली में एक जनसभा के दौरान राहुल गांधी को बड़ा पप्पू और विक्रमादित्य सिंह को छोटा पप्पू कहा. जिसके बाद विक्रमादित्य सिंह ने कंगना रनौत के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें विकास के मुद्दे पर बात करने की नसीहत दी है. विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके कंगना को फिर से बड़ी बहन कहकर संबोधित किया है.
"आज मनाली में उन्होंने एक कार्यक्रम में जिस तरीके की भाषा शैली का प्रयोग उन्होंने किया है. खासकर हमारे लिए, कांग्रेस पार्टी के लिए, हिमाचल प्रदेश के लिए, उसके लिए मैं उनको कोटि-कोटि उनका नमन करता हूं. आज तक इस तरीके की भाषा शैली का प्रयोग हिमाचल जैसी पवित्र भूमि में नहीं हुआ होगा. खैर मैं यह कहना चाहता हूं कि वह जब मनाली के मंच पर थी. अगर उन्होंने इस शब्दावली के बजाय अगर मनाली के मुद्दों की बात की होती तो वो ज्यादा सही होता. कुछ ही महीने पहले सदी की सबसे बड़ी आपदा मनाली में आई, हिमाचल के मंडी में आई. आप कहती हैं कि मेरा घर मनाली में है, मैं मनालीवासी हूं. मगर क्या आप आपदा के समय एक दिन भी मनाली गई."- विक्रमादित्य सिंह, कैबिनेट मंत्री
विक्रमादित्य सिंह ने वीडियो संदेश के जरिये कंगना रनौत से पूछा कि जब हिमाचल में आपदा आई उस वक्त वो कहां थी. उन्होंने कहा कि मंडी लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले सभी इलाकों से जुड़े मुद्दों पर बात करें और अपना विजन रखें. आप क्या खाती हैं और क्या नहीं इससे किसी को कुछ नहीं लेना-देना.
"हिमाचल की जनता को कोई लेना देना नहीं है कि आप मुंबई में क्या खाती हैं और क्या पीती हैं. ये हिमाचल के मुद्दे नहीं है. आपसे निवेदन है कि आप मंडी से बीजेपी की उम्मीदवार होने के नाते आप मुद्दों पर बात करें. आपका क्या विजन है, आप हिमाचल के लिए, मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए करना चाहती हैं. क्या आपने आपदा के समय में किया. आने वाले समय में आपकी क्या भूमिका रहेगी. कितना सहयोग आपने पूर्व में दिया. इनसब मुद्दों पर बात करें, ये बिना मतलब की बातें जिनका प्रदेश की जनता से कोई सरोकार नहीं है. इस तरीके की बात करके जनता का समय बर्बाद कर रही हैं. इसलिये मेरी प्रभु राम से प्रार्थना रहेगी कि आपको सद्बुद्धि दे."- विक्रमादित्य सिंह, कैबिनेट मंत्री