रायपुर : मंगलवार को कांग्रेस नेता विकास तिवारी एनएसयूआई के नेता हेमंत पाल और कुणाल दुबे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने तीनों को एक दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है. अब मामले की सुनवाई बुधवार को होगी. राजधानी रायपुर के राजेंद्र नगर थाने में कांग्रेस नेता विकास तिवारी, NSUI नेता हेमंत पाल और कुणाल दुबे के खिलाफ गाली गलौज करने और संस्था के खिलाफ नारेबाजी करने के मामले में 8 जून को FIR दर्ज की गई थी. राजेंद्र नगर पुलिस ने इस मामले में धारा 452, 294, 34 के तहत मामला दर्ज किया था.
ब्लैकमेलिंग और गाली गलौज के केस में विकास तिवारी गए जेल, प्राइवेट स्कूल संचालक ने की थी शिकायत - Vikas Tiwari went to jail - VIKAS TIWARI WENT TO JAIL
Vikas Tiwari went to jail रायपुर के बिना मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कांग्रेस नेता और NSUI ने मोर्चा खोला था.लेकिन प्राइवेट स्कूल के संचालक ने कांग्रेस नेता समेत उसके साथियों पर ब्लैमेलिंग और गाली गलौज का आरोप लगाकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया.जहां से तीन लोगों को एक दिन की न्यायिक रिमांंड में जेल भेज दिया गया.case of blackmailing
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jul 9, 2024, 7:10 PM IST
''राजेंद्र नगर स्थित कृष्णा किड्स एकेडमी के एडमिनिस्ट्रेटर संजय त्रिपाठी ने 8 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. त्रिपाठी के मुताबिक 6 जून की दोपहर को कांग्रेस नेता विकास तिवारी,NSUI नेता कुणाल दुबे और हेमंत पाल जबरन स्कूल परिसर में घुसकर संस्थान के नाम से नारे लगा रहे थे.इसके बाद स्टाफ के साथ गाली गलौज किए थे. इस रिपोर्ट पर राजेंद्र नगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी.'' - जितेंद्र ताम्रकार, टीआई राजेंद्र नगर थाना
स्कूलों की मान्यता से जुड़ा है मामला :गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस नेता विकास तिवारी और एनएसयूआई के कार्यकर्ता गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर आंदोलन कर रहे थे. कांग्रेस नेता विकास तिवारी के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में प्रदर्शन भी किया था. विकास तिवारी का आरोप है कि शहर में कृष्णा किड्स एकेडमी की ओर से सुंदर नगर राजेंद्र नगर और शैलेंद्र नगर में जो स्कूल चलाए जा रहे हैं. उनकी मान्यता नहीं है. वहीं स्कूलों में फीस नियामक और आरटीई के अधिकार अधिनियम का भी पालन नहीं हो रहा है.