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दिल्ली की शिक्षा प्रणाली पर उठे सवाल, विजेंद्र गुप्ता ने AAP पर लगाया गंभीर आरोप - VIJENDRA GUPTA ON EDUCATION SYSTEM

-45 करोड़ रुपये की लागत से बने 'स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस' का भवन खंडहर में तब्दील. -विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना.

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विजेंद्र गुप्ता (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 22, 2024, 9:01 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज एक बार फिर से आम आदमी पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दिल्ली सरकार की तथाकथित 'विश्व स्तरीय शिक्षा क्रांति' की पोल खोलते हुए बताया कि इस सरकार का असली उद्देश्य निर्माण कार्यों के माध्यम से धन अर्जित करना रह गया है.

गुप्ता ने बवाना विधानसभा के दरियापुर कला गांव में 45 करोड़ रुपये से निर्मित 'स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस' की इमारत का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने पाया कि यह इमारत, जो केवल दो साल पहले निर्मित हुई थी, आज खंडहर में तब्दील हो चुकी है. यहां न तो एक भी छात्र का एडमिशन हुआ है और न ही स्कूल के लिए कोई स्टाफ नियुक्त किया गया है. इमारत को पूरी तरह लावारिस छोड़ दिया गया है.

भ्रष्टाचार और निर्माण की राजनीति

गुप्ता ने आगे कहा कि "दिल्ली सरकार ने पहले भी इसी परिसर में दो अन्य स्कूल बनाने का दावा किया था, लेकिन उन सभी का हश्र भी यही रहा." उन्होंने बताया कि 2013 में इस परिसर में एक बिल्डिंग बनाई गई थी जिसमें लड़कियों के लिए शिक्षा उपलब्ध कराने का उद्देश्य था, लेकिन उसमें कभी कोई पढ़ाई नहीं हुई. यह बिल्डिंग अब खंडहर बन चुकी है और इसे खतरनाक घोषित किया गया है. 2018 में बनाई गई दूसरी इमारत, जिसमें कन्या विद्यालय खोला गया था, भी अधिक समय तक नहीं चल पाई. गुप्ता के अनुसार, इन निर्माण कार्यों के माध्यम से भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है. उन्होंने उपराज्यपाल वी के सक्सेना से इस मामले की गहन जांच करवाने की मांग की है.

'दिखावे के लिए छात्राओं को किया गया शिफ्ट'

उन्होंने बताया कि जब स्थानीय ग्रामीणों ने तीसरी इमारत के निर्माण का विरोध किया, तो सरकार ने दिखावे के लिए कुछ छात्राओं को वहां शिफ्ट किया ताकि दिख सके कि स्कूल चल रहा है. इस अवसर पर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लड़कियों के लिए पांच एकड़ में एक नया स्कूल खोलने की घोषणा की थी, लेकिन क्या यह घोषणा भी सिर्फ एक दिखावा रह जाएगी?

गुप्ता ने सवाल उठाया कि 10 साल की अवधि में दिल्ली की जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई के 45 करोड़ रुपए शिक्षा के नाम पर बर्बाद करने के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है. राज्यपाल को पत्र लिखकर उन्होंने इसकी गहन जांच करवाने की मांग की है ताकि इन तीन बिल्डिंगों के निर्माण में पैसे की बंदरबाट करने वाले लोगों की पहचान हो सके और उन पर कार्रवाई की जा सके.

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