पटना :भारतीय जनता पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव को साधने के लिए कदम दर कदम बढ़ रही है. सीमांचल को साधने के लिए पार्टी ने खास रणनीति बनाई है. अररिया जिले के कद्दावर नेता विजय मंडल को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. एनडीए विजय मंडल के जरिए सीमांचल को साधने की तैयारी कर रहा है.
1995 में विजय मंडल बने थे विधायक :विजय मंडल अति पिछड़ा समाज से आते हैं. ऐसे में अति पिछड़ा वोटवैंक को साधने के लिए विजय मंडल को कैबिनेट में शामिल कराया गया है. विजय मंडल केवट जाति से आते हैं. बिहार में अति पिछड़ा आबादी 36.01% से अधिक है. विजय मंडल सिकटी से विधायक हैं. पहली बार विजय मंडल 1995 में आनंद मोहन की पार्टी बिहार पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे.
लालू यादव की सरकार में रह चुके हैं मंत्री :विजय मंडल का राजनीतिक जीवन उतार-चढ़ाव वाला रहा है. 1995 में बिहार पीपुल्स पार्टी की टिकट पर विधायक बनने के बाद विजय मंडल आरजेडी में शामिल हो गए थे. 2000 में राजद ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़े और विधायक बने. विधायक बनने के बाद विजय मंडल फिर लालू प्रसाद यादव के साथ चले गए.
विजय मंडल हैं भाजपा के सचेतक :2009 में विजय मंडल लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की. इसके बाद वह भाजपा में चले गए. 2015 के विधानसभा चुनाव में सिकटी विधानसभा क्षेत्र से वह विधायक बने. 2020 में भी उन्होंने जीत हासिल की. फिलहाल विजय मंडल भारतीय जनता पार्टी के सचेतक हैं. उन्हें सरकार में मंत्री बनाया गया है.