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सस्ता होगा आलू, फर्रुखाबाद में स्टोर है 6.93 लाख कुंतल आलू, बारिश थमते ही आएगा देशभर के मार्केट में - vegetable price - VEGETABLE PRICE

आलू की बेतहाशा बढ़ी कीमतों से जूझ रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है. बारिश थमते ही आलू की कीमतों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है. आखिर वह कैसे चलिए जानते हैं इस खबर के जरिए.

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सितंबर से बाजार में आने लगेगा फर्रुखाबाद का स्टोर आलू. (photo credit: etv bharat gfx)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 12:20 PM IST

Updated : Jul 28, 2024, 9:15 AM IST

फर्रुखाबाद:देशभर के फुटकर सब्जी बाजारों में आलू की कीमतें 40 से 50 रुपए किलो तक पहुंच गई हैं. कहीं-कहीं पर तो इसकी कीमतें इससे भी ज्यादा है. ऐसे में आलू की कीमतों को लेकर खासा चितिंत है. उन्हें चिंता सता रही है कि आखिर इसकी कीमतों में कब गिरावट आएगी. ईटीवी भारत की टीम ने यूपी के सबसे बड़ी आलू उत्पादक जिले फर्रुखाबाद की मौजूदा स्थिति को खंगाला तो सामने कुछ ऐसी चीजें आई जिससे आम ग्राहकों को आने वाले समय में फायदा मिल सकता है.

आलू की बेतहाशा बढ़ी कीमतों से जूझ रहे लोग. (photo credit: etv bharat)

दरअसल, यूपी की सबसे बड़ी आलू मंडी फर्रुखाबाद से पश्चिम बंगाल, नेपाल, बिहार, दिल्ली समेत देश की कई मंडियों को आलू की सप्लाई की जाती है. मौजूदा समय में यहां पर आलू की कीमतें 35 से 40 रुपए प्रति किलो चल रही है. ऐसे में इन मंडियों में आलू की फुटकर कीमतें इससे ज्यादा है. आलू एवं शाकभाजी विकास अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में कुल 107 कोल्ड स्टोरेज हैं. इनमें अभी भी 69341382 मी.टन (6.93 लाख कुंतल) आलू स्टोर है. अभी तक फर्रुखाबाद से सिर्फ 20 फीसदी आलू ही देशभर की मंडियों को सप्लाई किया गया है. जिले में करीब पांच लाख से ज्यादा किसान आलू की बुआई करता है.

फर्रुखाबाद में आलू की बुआई होते ही गिरेंगे आलू के भाव. (photo credit: etv bharat)

अभी भी 80% आलू इन कोल्ड स्टोरेज में स्टोर हैं. उनकी मानें तो बारिश के चलते यह आलू अभी कोल्ड स्टोरेज से नहीं निकल पा रहा है. इस वजह से देश भर की मंडियों में आलू की कमी के चलते कीमतें बढ़ी हुईं हैं. अगस्त या फिर सितंबर आते ही ये आलू बारिश थमते ही इन राज्यों की मंडी के लिए रवाना होने लगेगा. उन्होंने आलू की निकासी बढ़ने पर भाव में 15 से 20 रुपए प्रति किलो तक की गिरावट दर्ज होने की संभावना जताई है. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में इन कोल्ड स्टोरेज में 60 फीसदी आलू किसानों और बचा हुआ आलू आढ़तियों का स्टोर है. बारिश थमते ही इस आलू की तेजी से निकासी करवाई जाएगी.

फर्रुखबाद का आलू देश की कई मंडियों को होता सप्लाई. (photo credit: etv bharat)

आलू एवं शाकभाजी विकास अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया हर साल जिलाधिकारी के नेतृत्व में कोल्ड स्टोरेज में भंडारण के लिए एक निर्धारित मीटिंग रखी जाती है. कोल्ड स्टोरेज वालों को निर्देशित किया जाएगा की 90 कुंतल से ज्यादा भंडारण के बारे में सरकार को सूचना दें ताकि ऐसे आलू की निकासी तेजी से करवाई जा सके.

सितंबर से होने लगेगी बुआई
किसान अजय ने बताया कि आलू की अगेती बुआई के लिए 15 से 25 सितंबर और पछेती की बुआई के लिए 15 से 25 अक्टूबर का समय सबसे उपयुक्त रहता है. कई किसान 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच तक आलू की पछेती बुआई करते हैं. आलू की फसल तैयार होने में 60 से 90 दिन लगते हैं. नया आलू बाजार दिसंबर अंत से बाजार में आना शुरू हो जाता है.



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Last Updated : Jul 28, 2024, 9:15 AM IST

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