बीकानेर. वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे घर जो तिराहे या चौराहे पर होते हैं अच्छे नहीं माने जाते है, क्योंकि इन जगहों पर अधिक वास्तु दोष निर्मित होता है. जिन लोगों के घर ऐसी जगहों पर होते हैं उन लोगों को मानसिक,शारीरिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वास्तु विशेषज्ञ राजेश व्यास के अनुसार तिराहे पर नकारात्मक ऊर्जा का फ्लो अधिक रहता है. दूसरा कारण है तिराहे या चौराहे पर लोगों एवं वाहनों का आवागमन ज्यादा लगा रहता है जिसकी वजह से मानसिक शांति भंग होती है, लेकिन टी-पॉइंट मकान का अच्छा या बुरा प्रभाव घर की दिशा पर भी निर्भर करता है.
दिशा के अनुसार टी पॉइंट के प्रभाव :-
- पूर्व दिशा- पूर्व दिशा के घर यदि टी पर हैं तो उन्हें खराब नहीं माना जाता है। ऐसा मकान मान-सम्मान और सेहत का कारक होता है.
- पश्चिम दिशा- पश्चिम दिशा के घर का टी पॉइंट अच्छा नहीं माना जाता है,यह वास्तुदोष उत्पन्न करता है. ऐसे घरों में नकारात्मक ऊर्जा का समावेश होता है.
- उत्तर दिशा- उत्तर दिशा के टी पॉइंट घर को बुरा नहीं माना जाता है। यहां रहने वाले लोग खूब पैसा कमाते हैं और इनको काम के नए-नए अवसर भी प्राप्त होते हैं.
- दक्षिण दिशा- टी प्वांइट मकान यदि दक्षिण दिशा में हो तो यह अशुभ फलदायक होता है. इस घर में रहने वाले लोग अलग-अलग तरह की परेशानियों में फंस सकते हैं.
- ईशान दिशा- उत्तर पूर्व दिशा का टी पॉइंट सभी दृष्टि से अच्छा माना जाता है। यह सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला होता है.
- आग्नेय दिशा- पूर्व और दक्षिण के बीच अर्थात आग्नेय कोण या दिशा का टी पॉइंट मकान अशुभ माना गया है ऐसे मकानों में चोरी और आग लगने का डर बना रहता है.
- नैऋत्य दिशा- दक्षिण-पश्चिम अर्थात नैऋत्य दिशा के बीच टी प्वांइट पर बना मकान गंभीर बीमारी और अकाल मृत्यु का कारण बन सकता है.
- वायव्य- दिशा उत्तर-पश्चिम अर्थात वायव्य दिशा का टी प्वांइट बुरा फल देने वाला होता है. यह हर तरह से आर्थिक नुकसान पहुंचाता है.