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57 साल में दूसरी बार हॉट सीट बनारस से सबसे कम प्रत्याशी उतरे; जानिए- PM मोदी को कौन-कौन दे रहा चुनौती - Varanasi Lok Sabha seat

पीएम मोदी के चुनाव मैदान में होने के कारण वाराणसी लोकसभा सीट देश की सबसे हॉट सीटों में मानी जाती है. इसके बावजूद यहां इस बार कम प्रत्याशी मैदान में हैं. जबकि पिछले चुनावों काफी संख्या में लोग इस सीट से प्रत्याशी रहे हैं.

वाराणसी लोकसभा सीट से सबसे कम प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं.
वाराणसी लोकसभा सीट से सबसे कम प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 21, 2024, 9:06 AM IST

Updated : May 22, 2024, 1:56 PM IST

वाराणसी :देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार बनारस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री के चुनाव लड़ने से यह सीट देश की सबसे हॉट सीट में से एक है. अगर तीसरी बार पीएम मोदी यहां से चुनाव जीतते हैं तो एक रिकॉर्ड बन जाएगा.

मगर एक रिकॉर्ड यहां और भी बन चुका है. इस सीट पर दूसरी बार ऐसा हुआ है कि सबसे कम उम्मीदवार यहां चुनाव लड़ रहे हैं. साल 1967 से लेकर साल 2024 तक के लोकसभा चुनाव में यह दूसरी बार होगा कि बनारस सीट से महज 7 प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में हैं. इनमें से एक पीएम मोदी भी हैं.

वाराणसी सीट साल 2014 के बाद से देश के लिए सबसे हॉट सीट मानी जाती है. साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में ऐसा पहली बार देखने को मिला जब जनता किसी एक प्रत्याशी की ओर मुड़ गई. वहीं एक प्रत्याशी के खिलाफ 40 से अधिक प्रत्याशी मैदान में उतर गए.

नतीजा ऐसा रहा कि दो-तीन प्रत्याशियों को छोड़ बाकी सबकी जमानत जब्त हो गई. सपा, कांग्रेस, बसपा समेत छोटी-बड़ी पार्टियों के नेताओं की एक भी न चल सकी. वहीं इस बार ऐसा रिकॉर्ड बना है कि वाराणसी से चुनावी मैदान में महज 7 प्रत्याशी ही मैदान में हैं. प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही 6 अन्य प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे.

साल 2014 में 42 प्रत्याशी थे मैदान में. (PHOTO Credit; Etv Bharat)


33 प्रत्याशियों का नामांकन किया गया खारिज :लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव लड़ने के लिए कलेक्ट्रेट में जिला निर्वाचन अधिकारी एस. राजलिंगम ने प्रत्याशियों का पर्चा जमा कराया था. इसमें से जिनके पर्चे पूरे नहीं थे उनमें सुधार कराया गया. वहीं अंतिम दिन तक हुए नामांकन में कुल 41 लोगों ने पर्चा दाखिल किया था. नामांकन पत्रों की जांच के बाद 33 प्रत्याशियों के पर्चे खारिज कर दिए गए.

वहीं राष्ट्रीय समाजवादी जनक्रांति पार्टी के पारस नाथ केशरी ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलाकर कुल 7 प्रत्याशी ही इस बार चुनावी मैदान में हैं. इन सभी प्रत्याशियों का भाग्य एक मई के दिन ईवीएम में कैद हो जाएगा.

वाराणसी से ये हैं कुल 7 उम्मीदवार :इस बार चुनावी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (कमल का फूल), अजय राय, कांग्रेस (हाथ का पंजा), अतहर जमाल लारी, बहुजन समाज पार्टी (हाथी), गगन प्रकाश यादव, अपना दल कमेरावादी, (लिफाफा), कोली शेट्टी शिवकुमार, युग तुलसी पार्टी (रोड रोलर), संजय कुमार तिवारी, निर्दलीय (बांसुरी), दिनेश कुमार यादव, निर्दलीय (डंबल) चुनाव लड़ने जा रहे हैं. साल 1967 से लेकर साल 2019 तक के लोकसभा चुनाव में यह पहली बार होगा कि बनारस सीट से महज 7 प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेंगे.

1967 से लेकर साल 2019 तक इतने प्रत्याशी लड़े चुनाव :अगर आंकड़ों की बात करें तो साल 1967 में 05 प्रत्याशी, 1971 में 14 प्रत्याशी, 1977 में 11 प्रत्याशी, 1980 में 22 प्रत्याशी, 1984 में 19 प्रत्याशी, 1989 में 18 प्रत्याशी, 1991 में 24 प्रत्याशी, 1996 में 47 प्रत्याशी, 1998 में 13 प्रत्याशी, 1999 में 12 प्रत्याशी, 2004 में 18 प्रत्याशी, 2009 में 15 प्रत्याशी, 2014 में 42 प्रत्याशी और 2019 में 26 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था. बता दें कि अब चुनाव के लिए ईवीएम का इस्तेमाल किया जाता है. ईवीएम के एक बैलेट यूनिट में कुल 16 बटन होते हैं. इसमें 15 प्रत्याशियों के लिए और एक नोटा का बटन होता है. अगर 15 से अधिक उम्मीदवार होते हैं तो डबल बैलेट यूनिट का प्रयोग किया जाता है.

वाराणसी से चुनावी मैदान में महज 7 प्रत्याशी ही मैदान में हैं. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

साल 2014 में कुल 42 लोगों ने लड़ा था चुनाव :साल 2014 में कुल 42 लोगों ने बनारस से चुनाव लड़ा था. इनमें से एक उम्मीदवार को छोड़कर बाकी सभी की जमानत जब्त हो गई थी. साल 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले थे. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. वो जमानत नहीं बचा सके थे. यही हाल समाजवादी पार्टी और बसपा के उम्मीदवारों का भी हुआ था. इनके साथ ही जितने भी प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था. कोई भी अपनी जमानत नहीं बचा सका था.

2019 में भी प्रत्याशियों की जमानत हुई जब्त :साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 16 प्रत्याशी ऐसे थे, जिनको महज डेढ़ हजार वोट ही मिले थे, जबकि 10 प्रत्याशी 3 अंकों में ही सिमट गए थे. 4 प्रत्याशी शून्य पर ही अटके रह गए थे. ऐसा ही हाल साल 2019 के चुनाव में देखने को मिला था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4.75 लाख मतों के अंतर से चुनाव जीता था. प्रधानमंत्री मोदी को 6,74,664 (63.86%), सपा की शालिनी यादव को 1,95,159 (18.47%), जबकि कांग्रेस के अजय राय को 1,52,548 (14.44) वोट मिले थे. साल 2019 में पीएम मोदी के खिलाफ 25 में से 22 प्रत्याशी ऐसे थे, जिनकी जमानत नहीं बची थी. 2014 और 2019 के चुनाव में पीएम मोदी ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी.

साल 2019 में इन लोगों ने लड़ा था चुनाव :वहीं अगर बात करें साल 2019 की तो इस साल में वाराणसी सीट से कुल 25 प्रत्याशियों, अजय राय (कांग्रेस), शालिनी यादव (समाजवादी पार्टी), अनिल कुमार चौरसिया, अमरेश मिश्रा, आशिन यूएस, आशुतोष कुमार पांडे, उमेश चंद्र कटियार, त्रिभुवन शर्मा, प्रेमनाथ शर्मा, ब्रजेंद्र दत्त त्रिपाठी, राकेश प्रताप, राजेश भारती सूर्या, रामशरण, शेख सिराज बाबा, सुरेंद्र राजभर, हरी भाई पटेल, हीना शाहिद, अतीक अहमद, ईश्वर दयाल सिंह, चंद्रिका प्रसाद, मनीष श्रीवास्तव, मनोहर आनंदराव पाटिल, मानव, सुन्नम इस्तरी और सुनील कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. वाराणसी सीट से कुल 26 लोगों ने चुनाव लड़ा था.

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Last Updated : May 22, 2024, 1:56 PM IST

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