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बनारस में 15 दिन में पास होगा घर-दुकान, कॉमर्शियल बिल्डिंग का नक्शा, VDA दफ्तर जाने की जरूरत नहीं - VARANASI DEVELOPMENT AUTHORITY

GOOD NEWS FOR VARANASI: बनारसियों के लिए अच्छी खबर, अधिकारी ने फाइल लटकाई तो आप अपने पास हो जाएगा

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बनारस में घर का नक्शा पास कराने के लिए अब नहीं जाना होगा VDA. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 11, 2024, 12:48 PM IST

Updated : Oct 11, 2024, 2:26 PM IST

वाराणसी: बढ़ते समय के साथ अब चीजें धीरे-धीरे भाग दौड़ से दूर ऑनलाइन होने लगी हैं. हालांकि, अब भी बहुत सी ऐसी जरूरत की चीज हैं जो ऑनलाइन तो जा चुकी हैं, लेकिन जानकारी न होने के कारण लोग अभी भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हैं. जब अपना आशियाना बनाने की बात हो तो बेवजह लोग प्राधिकरण के चक्कर काटकर नक्शा पास कराने के लिए परेशान दिखाई देते हैं.

लेकिन, इस बेवजह की परेशानी से लोगों को बचाने के लिए अब सारी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है. जिसकी वजह से लोग घर बैठे अपने आशियाने और कॉमर्शियल बिल्डिंग का नक्शा पास घर बैठे ही कर सकते हैं. इस प्रक्रिया से एक तो समय की बचत होनी है, दूसरे भ्रष्टाचार पर भी नकेल कसेगी.

बनारस में नक्शा पास कराने की प्रक्रिया के बारे में बताते VDA के नगर नियोजक प्रभात कुमार. (Video Credit; ETV Bharat)

इस बारे में वाराणसी विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक प्रभात कुमार का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जो पहले की व्यवस्थाएं थीं उसको दृष्टिगत रखते हुए नक्शा पास करने के आवेदन ऑनलाइन किए गए हैं. इसके अंदर किसी भी आर्किटेक्ट के माध्यम से जो (सीओए) के अंदर पंजीकृत हो वह ऑनलाइन आवेदन कर सकता है.

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर अपने आप उसकी जांच करता है और इसे आगे बढ़ाता है. प्राधिकरण लेवल पर यह व्यवस्था की गई है कि अवर अभियंता यदि तीन दिन तक उस आवेदन का निस्तारण नहीं करता है तो वह अगले स्तर पर अपने आप चला जाएगा. अगले स्तर पर भी यह व्यवस्था है, यदि एक दिन के अंदर जांच करके निस्तारण नहीं किया जाता है तो वह स्वतः अगले स्तर पर पहुंच जाएगा.

इस तरह निर्धारित समय अवधि के अंदर यदि इसका निर्धारण नहीं होता है तो उसे ऑटोमेटिक स्वीकृति मिल जाती है. इसलिए वाराणसी विकास प्राधिकरण के अंदर ही ध्यान दिया जा रहा है कि किसी भी तरह की पत्रावली लंबित न हो और लगातार उसका ध्यान दिया जा रहा है. इसलिए समय के अंतर्गत सभी मानचित्र का निस्तारण हो या विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

इसके अलावा मानचित्र सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है. जिसको मानचित्र संबंधी कोई भी जानकारी लेनी हो तो वह कार्यालय आकर इसकी जानकारी ले सकता है. कितनी चीजें चाहिए, कितना समय लगता है, क्या-क्या चीजों की जरूरत है. वह यहां आकर प्राप्त की जा सकती है.

क्या है प्रक्रिया:कोई भी आर्किटेक्ट जो Council of Architecture (COA) में रजिस्टर्ड हो वह ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट www.upobpas.in पर जाकर आर्किटेक्ट को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. रजिस्ट्रेशन के बाद यदि शहरी क्षेत्र का मामला है तो वह नगर निगम जलकल वाराणसी विकास प्राधिकरण और संबंधित अथॉरिटी से एनओसी चाहिए होती है. निवेश स्तर की फाइलों में 7 दिन का समय निर्धारित है, बाकी के लिए 15 दिन का समय निर्धारित है.

वाराणसी विकास प्राधिकरण में ऑनलाइन नक्शे की इस प्रक्रिया में एक फायदा और है. जो भी प्रक्रिया होती है वह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है. जैसे साइट विजिट का जो भी कार्य जूनियर इंजीनियर या इंजीनियर लेवल पर होता है, उसके लिए अब मैन्युअल नहीं बल्कि ऑटोमेटिक तरीके से अधिकारियों को निरीक्षण के लिए भेजा जाता है.

पहले मैनुअल तरीके से यह पता चल जाता था कि कौन अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचेगा, जिससे भ्रष्टाचार की भी संभावनाएं रहती थी, लेकिन अब मौजूद अधिकारियों की लिस्ट में से ऑटो मोड पर ही उनका सेलेक्शन करके अचानक से उन्हें निरीक्षक को भेजा जाता है. जिससे इस पूरे ऑनलाइन प्रक्रिया ने भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाई और बिचौलियों की संख्या भी खत्म हो गई है.

इस बारे में जिन लोगों ने ऑनलाइन नक्शे का फायदा लिया है वह भी इसे बेहतर मानते हैं. हाल ही में अपनी एक फ्रीलैंड का नक्शा पास करने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण पहुंचे बिजनेसमैन अरविंद केसरी भी इस प्रक्रिया से बेहद खुश है. उनका कहना है इसके पहले मैंने एक बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण में नशे के लिए अप्लाई किया था तो मुझे लगभग 3 महीने का वक्त लगा था.

लेकिन, हाल ही में मैंने अपने आर्किटेक्ट के माध्यम से जब इसे अप्लाई किया तो महेश 10 दिन के अंदर ही या प्रक्रिया पूरी हो गई हो. मुझे नक्शे के साथ ही सारी चीज उपलब्ध भी कर दी गई. इस प्रक्रिया में कहीं से कोई दिक्कत नहीं आई. जहां जिस चीज की जरूरत थी. उसकी डिमांड मुझे फोन के जरिए की जाती थी.

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Last Updated : Oct 11, 2024, 2:26 PM IST

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