लखनऊ : अयोध्या में भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं. अयोध्या में भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा है, लेकिन गोरखपुर और आनंद विहार से अयोध्या के लिए जो वंदे भारत ट्रेन संचालित की जा रही हैं, उसकी 20 से 30 % सीटें अब भी खाली ही रह जा रही हैं. अब प्लान बनाया जा रहा है कि लखनऊ से अयोध्या के बीच इंटरसिटी के रूप में वंदे भारत संचालित की जाए, जिससे ऑक्युपेंसी बढ़ सके.
गोरखपुर से लखनऊ होते हुए अयोध्या के लिए देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल हरी झंडी दिखाई थी. लेकिन जिस उम्मीद के साथ रेलवे ने यह हाईटेक ट्रेन पटरी पर उतारी थी, उस पर यह खरी नहीं उतरी. शुरुआत में तो यात्रियों ने इस ट्रेन की खूबी देखने और समझने के लिए यात्रा की, लेकिन धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या कम होती चली गई. आलम यह है कि ट्रेन की 20 से 30 फीसदी सीटें खाली रह जाती हैं. दूसरी तरफ अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू है लेकिन ये वंदे भारत के बजाय अन्य ट्रेनों से ही सफर कर अयोध्या पहुंच रहे हैं.
अब अधिकारी बना रहे इंटरसिटी का प्लान
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सफल न होने के पीछे रेलवे के अधिकारी एक बड़ी वजह इसके महंगे किराए को मानते हैं. अधिकारियों का मानना है कि ज्यादा किराया होने की वजह से हर वर्ग के यात्री वंदे भारत ट्रेन में सफर करने के बारे में सोच ही नहीं सकते. यही वजह है कि ट्रेनों की सीटें नहीं भरती हैं. ऐसे में अधिकारी रेलवे बोर्ड को यह सलाह देने की तैयारी कर रहे हैं कि अगर लखनऊ से अयोध्या के बीच इंटरसिटी की तर्ज पर वंदे भारत का संचालन किया जाए तो निश्चित तौर पर यह ट्रेन श्रद्धालुओं की पसंदीदा ट्रेन बन जाएगी. इस पर विचार भी हो रहा है. रेलवे बोर्ड में इसके लिए प्रस्ताव भेजने की भी तैयारी हो रही है.
जल्द प्रयागराज तक जाएगी वंदे भारत