हल्द्वानी:उत्तराखंड के पहाड़ी फल आड़ू, खुमानी और पुलम की देश के कई बड़ी मंडियों से खूब डिमांड आ रही है. हालांकि, इस साल पहाड़ों में अधिक गर्मी और जंगलों की आग ने इन पहाड़ी फलों के स्वाद को कम कर दिया है. यही कारण है कि पहाड़ के मेवा के नाम से प्रसिद्ध आड़ू, खुमानी और पुलम का उत्पादन इस बार आधा रह गया है.
हल्द्वानी मंडी से इन पहाड़ी फलों को भारी मात्रा में दूसरे राज्यों के लिए भेजा जा रहा है. लेकिन इस बार उत्पादन कम होने के कारण बाजारों में पहाड़ी फल कम देखने को मिल रहे हैं. फल कारोबारियों का कहना है कि इन दिनों नैनीताल जिले के रामगढ़, धारी, भीमताल, ओखल कांडा समेत अल्मोड़ा जिले से आड़ू, पुलम और खुमानी मंडी पहुंच रहा है.
कुमाऊं के सबसे बड़ी हल्द्वानी मंडी के फल सब्जी एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जोशी ने बताया, इस बार पहाड़ों में बारिश नहीं होने और अधिक गर्मी होने के कारण पहाड़ के अधिकतर फलों को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा जंगल में कई जगहों पर आग लगने के कारण फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. जिस कारण इस बार पहाड़ी फलों के उत्पादन में 50 फीसदी से अधिक की कमी आई है. यहां तक की बारिश नहीं होने के कारण फलों में रोग भी आ गए हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
पहाड़ों के फल और सब्जियों पर हल्द्वानी की मंडी भी निर्भर करती है. लेकिन उत्पादन कम होने के कारण पहाड़ के फल कारोबारी को भी इस बार भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि जहां पिछले सालों तक रोजाना छोटी-बड़ी 150 से अधिक गाड़ियों से पहाड़ के फलों का आना होता था. लेकिन इस बार घटकर 50 से 60 गाड़ी रोजाना रह गया है. पहाड़ों में अधिक गर्मी होने के कारण पेड़ों पर ही पहाड़ी फल खराब हो रहे हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि उत्पादन नहीं होने के चलते पहाड़ी फल का सीजन जल्द खत्म हो जाएगा.