उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

6 हत्याओं के चश्मदीद की हत्या का मामला, हाईकोर्ट ने दोषियों की अपील की खारिज, तीनों को आजीवन कारावास - HC Dismissed Appeal Of Accused

Nainital HC Dismissed Appeal Of Accused उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हत्या के दोषियों की अपील खारिज कर दी है. निचली अदालत ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई थी.

HC Dismissed Appeal Of Accused
हाईकोर्ट ने आरोपियों की अपील की खारिज (PHOTO- ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 25, 2024, 7:38 PM IST

Updated : Jul 25, 2024, 8:25 PM IST

नैनीतालःउत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में वर्ष 2005 में हुए हत्याकांड में निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा पाए तीन अभियुक्तों की सजा को बरकरार रखते हुए उनकी अपील को खारिज कर दिया है. अभियुक्त राजबीर सिंह, रामवीर सिंह और रामभजन की अपील पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की युगलपीठ में सुनवाई हुई. अदालत ने तीनों की अपील पर पिछले माह फैसला सुरक्षित रख लिया था और 24 जुलाई को आदेश जारी किया.

मामले के मुताबिक, हरिद्वार के ज्वालापुर में वर्ष 2005 में एक व्यक्ति महिपाल सिंह की हत्या कर दी गई थी. हत्या के तीन आरोपी राजवीर, रामवीर और रामभजन के खिलाफ ज्वालापुर थाने में महिपाल सिंह के भतीजे रामवीर सिंह की ओर से दर्ज मामले में कहा गया कि तीनों ने गांव में 2003 में 6 लोगों की हत्या कर दी थी. मृतक महिपाल सिंह इस मामले का चश्मदीद गवाह था. आरोपी महिपाल सिंह पर गवाही न देने का दबाव बना रहे थे.

घटना के दिन जब महिपाल सिंह अपने भतीजे रामवीर सिंह और अनिल सिंह के साथ अपने जानकार नरेंद्र सिंह के घर से निकल रहे थे तो तीनों आरोपियों ने यासीन बाग के पास उन पर गोली चला दी थी. गोली महिपाल सिंह को लगी और और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था.

हरिद्वार के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) की अदालत ने राजबीर सिंह को वर्ष 2014 में हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. जबकि रामवीर सिंह और रामभजन को साल 2019 में आजीवन कारावास के साथ ही दस साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई थी.

दोषियों की तरफ से निचली अदालत के आदेश के खिलाफ वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में अलग अलग अपील दायर की गई. खंडपीठ ने इन अपीलों की एक साथ सुनवाई करते हुए उन्हें खारिज कर दिया है.

ये भी पढ़ेंःदेहरादून में फर्जी IAS बनकर 6 महीने किराए पर रहा युवक, 22 लाख की चपत लगाई, आपत्तिनजक फोटो से करता रहा ब्लैकमेल

Last Updated : Jul 25, 2024, 8:25 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details