देहरादून:उत्तराखंड में खनन के जरिए राजस्व बढ़ाने और अवैध खनन पर लगाम लगाए जाने को लेकर सरकार ने माइनिंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड सर्विलांस सिस्टम (एमडीटीएसएस) को मंजूरी दे दी है. ऐसे में प्रदेश के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व उधमसिंह नगर के 40 चेक गेटों पर एमडीटीएसएस लगाया जाएगा. चेक गेटों पर एमडीटीएसएस लगाने में करीब 93 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा, जिसके लिए खनन विभाग की व्यय वित्त समिति की बैठक में सहमति बन गई है.
अवैध खनन पर लगाम लगाए जाने को लेकर एमडीटीएसएस को देहरादून के 8 चेक गेटों, हरिद्वार के 13 चेक गेटों, नैनीताल के 10 चेक गेटों और उधमसिंह नगर के 9 चेक गेटों पर लोकेशन लगाया जाएगा. खनन गतिविधियों पर सख्त निगरानी के लिए एएनपीआर कैमरा, बुलेट कैमरा, आरएफआईडी रडार, एलईडी फ्लड लाइट समेत अन्य अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा. इसके अलावा, देहरादून में माइनिंग स्टेट कंट्रोल सेन्टर भी स्थापित की जाएगी. इसके साथ ही देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर के जिला मुख्यालयों में मिनी कमांड सेन्टर भी स्थापित किया जायेगा.
वहीं, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि एमडीटीएसएस के जरिए खनिजों के गैर कानूनी एवं अनाधिकृत परिवहन, खनिजों के अत्यधिक खनन या निष्कासन, खनिजों को ले जाने वाले वाहनों की ओवरलोडिंग, ट्रांजिट पास में दी गई डिलीवरी लोकेशन की जगह किसी अन्य जगह डिलीवरी, अवैध खनन समेत अन्य कारणों से राजस्व को होने वाले नुकसान पर निरन्तर निगरानी रखी जा सकेगी. इस संबंध में खनन से जुड़े सभी हितधारकों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर उनका सहयोग लेने और जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि अधिकारियों को खनन क्षेत्रों में कार्य करने वाले मजदूरों के कल्याण, विकास और उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं दिए जाने को लेकर कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए गए है. राज्य में ईंट के भट्टों में कार्य करने वाले मजदूरों के विकास और कल्याण के लिए भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने खनन क्षेत्रों और ईंट के भट्टों में कार्य करने वाले मजदूरों के लिए मेडिकल एवं बीमा सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
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