देहरादून: उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने देहरादून जेल में अपनी मां के साथ सजा काट रहे बच्चों का हालचाल जानने को लेकर जुवेनाइल का औचक निरीक्षण किया. औचक निरीक्षण के दौरान गीता खन्ना ने जुवेनाइल की व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जताई. साथ ही बच्चों से भी बातचीत कर उनका हाल चाल भी जाना. आयोग की टीम को जेल में बंद महिला कैदियों के साथ 6 साल से कम उम्र के पांच बच्चे मिले.
दरअसल, जेल नियमावली के अनुसार के मुताबिक, सजायाफ्ता कैदियों के 6 साल तक के बच्चे को अपनी मां के साथ जेल में रहने की अनुमति है. ताकि, बच्चे को मां की देखभाल और पोषण की जरूरत को पूरा किया जा सके. ऐसे में अपनी मां के साथ जुवेनाइल में बच्चों का नियमों के तहत ठीक तरीके से पालन हो रहा है या नहीं? इसको जानने को लेकर राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने आयोग सदस्य विनोद कप्रवाण और अनु सचिव एसके सिंह के साथ सुद्धोवाला जेल का औचक निरीक्षण किया.
कैदियों के मानसिक और बौद्धिक विकास का रखा जा रहा ध्यान:वहीं, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तराखंड की अध्यक्ष गीता खन्ना ने कहा कि कैदियों के मानसिक और बौद्धिक विकास का ध्यान रखा जा रहा है. सभी महिला कैदियों की समय-समय पर काउंसलिंग भी की जा रही है. उनके लिए मनोरंजन के लिए रेडियो की व्यवस्था है.