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विपक्ष के 15 हजार नेताओं को पार्टी में शामिल करने वाली बीजेपी अपने बागियों पर सख्त, री एंट्री के लिए करना पड़ रहा पश्चाताप - Uttarakhand BJP rebel - UTTARAKHAND BJP REBEL

Political defection in Uttarakhand लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तराखंड में जो दलबदल की बयार चल रही है, वो कांग्रेस और विपक्ष मुक्त उत्तराखंड जैसी लग रही है. उत्तराखंड में बीजेपी, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के करीब 15 हजार नेताओं कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर चुकी है. इनमें 6 पूर्व और 1 वर्तमान विधायक भी शामिल हैं. दूसरी तरफ बीजेपी अपने बागियों पर बेहद सख्त है. बागियों की पार्टी में री एंट्री बहुत मुश्किल से हो रही है.

Political defection in Uttarakhand
बीजेपी समाचार

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 23, 2024, 9:04 AM IST

Updated : Mar 23, 2024, 7:06 PM IST

बीजेपी समाचार

देहरादून:उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा लगातार अपना कुनबा बढ़ाने में लगी हुई है. पार्टी विस्तार के इस अभियान में भाजपा एक बड़ा मनोवैज्ञानिक संदेश पार्टी के साथ बेवफाई करने वाले लोगों को भी दे रही है. वहीं दूसरी तरफ अपनी पार्टी के बागियों को लेकर बीजेपी सख्त और नरम दोनों है.

उत्तराखंड में भाजपा का कांग्रेस मुक्त अभियान:उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ऐतिहासिक रूप से विपक्ष मुख्य रूप से कांग्रेस मुक्त अभियान को चरितार्थ कर रही है. लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी अब तक अलग-अलग दलों के छह पूर्व विधायक और एक वर्तमान सीटिंग विधायक को अपने पाले में लाने में सफल हुई है. बीजेपी में हर दिन कोई न कोई नेता दूसरे दल को छोड़कर शामिल हो रहा है. पार्टी से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में भाजपा ने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और यूकेडी से आए तकरीबन 15,000 नेताओं को सदस्यता दिलवाई है.

इन बड़े नेताओं को दिलवाई सदस्यता:वैसे देखा जाए तो बीजेपी के माइक्रो मैनेजमेंट प्लान के तहत हजारों लोगों ने उत्तराखंड में बीजेपी ज्वाइन की है. लेकिन इस बीच प्रदेश के कई बड़े नेताओं जिनमें पूर्व विधायक और यहां तक कि एक वर्तमान विधायक ने भी अपनी विधायकी दांव पर लगा दी है. आइए आपको बताते हैं किन बड़े नेताओं ने थामा भाजपा का दामन.

ये हुए भाजपाई

  1. बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी
  2. कांग्रेस के पूर्व विधायक विजयपाल सजवान
  3. पूर्व मंत्री और टिहरी से विधायक रहे दिनेश धनै
  4. पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी
  5. पूर्व विधायक गंगोत्री मालचंद
  6. महावीर रांगड़ पूर्व विधायक धनौल्टी
  7. शैलेंद्र रावत पूर्व विधायक कोटद्वार


भाजपा के ये बागी नेता लंबे समय से ताक रहे हैं पार्टी का मुंह:साल 2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने के चलते भाजपा के कई नेता पार्टी से बेवफा हो गए थे. 2022 में भाजपा से बागी हुए नेताओं में पूर्व विधायक व रुद्रपुर से चुनाव लड़े राजकुमार ठुकराल, कर्णप्रयाग से टीका प्रसाद मैखुरी, धनौल्टी से महावीर सिंह रांगड़, डोईवाला से लड़ने वाले जितेंद्र नेगी, रायपुर से महेंद्र नेगी, कोटद्वार से धीरेंद्र चौहान और भीमताल से लड़े मनोज शाह को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित किया था.

इन बागियों पर सॉफ्ट रही बीजेपी:इसके अलावा धर्मपुर से वीर सिंह पंवार, चकराता से कमलेश भट्ट, यमुनोत्री से मनोज कोली, किच्छा से अजय तिवारी, लालकुआं से पवन चौहान भी भाजपा के कार्यकर्ता चुनावी मैदान में थे. लेकिन इन पर पार्टी ने कोई एक्शन नहीं लिया था. भाजपा के एक बागी नेता महेंद्र नेगी का कहना है कि वह भाजपा के सच्चे सिपाही थे और लगातार पार्टी के प्रति समर्पित थे. लेकिन पार्टी द्वारा उनके समर्पण को दरकिनार किया गया. यही वजह थी कि उन्होंने पार्टी छोड़ दी. वहीं हाल में पार्टी में वापस आये महावीर रांगड़ ने कहा कि राजनीति में कुछ कठिन फैसले लेने पड़ते हैं. वह लंबे समय से भले ही पार्टी से दूर थे, लेकिन मन से भाजपा में ही थे.

भाजपा ने बागियों को सिखाया सबक:जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में अपने कुनबे को बेइंतहा बढ़ाने के लिए हर तरह का समझौता कर रही है, लेकिन एक जगह है जहां पार्टी ने समझौता नहीं किया है. बीजेपी ने 2022 विधानसभा चुनाव में बगावत दिखाने वाले नेताओं को नहीं बख्शा है. 2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी से चुनाव टिकट नहीं मिलने पर बगावत दिखाने वाले नेताओं को पार्टी ने एंट्री बड़ी मुश्किल से दी है. 2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ने वाले या फिर पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ काम करने वाले लोगों को पार्टी ने तत्काल प्रभाव से बाहर का रास्ता दिखाया था. तब से लेकर अब तक यह लोग पार्टी में दोबारा आने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन पार्टी ने उन्हें ग्रीन सिग्नल नहीं दिया था.

बीजेपी में बागियों की री एंट्री:अब लोकसभा चुनाव सर पर हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने गुण दोष के आधार पर बागियों की री एंट्री खोल दी है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया कि जब ये लोग बागी हुए थे, तो उन्हें मनाया गया था. लेकिन वह नहीं माने. फिर उन्हें थोड़ा पश्चाताप का मौका दिया गया. लेकिन अब देखा जा रहा है कि बागी नेताओं द्वारा किस तरह का आचरण इन 2 सालों में किया गया है. क्या पार्टी के खिलाफ किसी गतिविधि में भाग लिया गया है. इस आधार पर 2022 में पार्टी के खिलाफ काम करने वाले लोगों को री एंट्री दी जा रही है.
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Last Updated : Mar 23, 2024, 7:06 PM IST

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