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उड़ीसा का मॉडल यूपी में हुआ लागू तो लुट जाएंगे बिजली उपभोक्ता, कई गुना बढ़ सकती हैं कीमतें - UTTAR PRADESH POWER CORPORATION

PPP model of Tata Power: टाटा पावर के पीपीपी मॉडल को पूर्वांचल के निजी क्षेत्र में देने की तैयारी की जा रही है.

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उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (photo credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 4, 2024, 9:34 PM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन पिछले छह माह से टीपी वेस्टर्न उड़ीसा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड यानी टाटा पावर की तारीफ कर रहा है. हर जगह टाटा पावर के पीपीपी मॉडल की चर्चा हो रही है. उसी को बेस बनाकर उत्तर प्रदेश में भी दक्षिणांचल व पूर्वांचल को पीपीपी मॉडल यानी निजी क्षेत्र में देने की तैयारी की जा रही है. अगर उड़ीसा के इस मॉडल का अध्ययन किया जाए, तो सामने आ रहा है कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल के उपभोक्ताओं पर निजीकरण की मार भारी पड़ सकती है.

उन्हें हर कीमत के लिए उत्तर प्रदेश के अन्य डिस्कॉम के उपभोक्ताओं से कई गुना ज्यादा कीमत चुकानी होगी. फिर चाहे नया कनेक्शन लेने के लिए कीमत अदा करनी हो या फिर बिजली से जुड़े अन्य कामों के लिए उपभोक्ता परिषद ने उड़ीसा के इस मॉडल की पोल खोल दी है.

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स्मार्ट प्रीपेड मीटर की वसूली: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने टाटा पावर वेस्टर्न उड़ीसा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के कॉल सेंटर में फोन लगाया. चार बार फोन कटा और पांचवी बार बमुश्किल से कनेक्ट हुआ. उन्होंने कहा, कि एक किलोवाट घरेलू ग्रामीण व शहरी की दर क्या है, जानना चाहता हूं. काफी देर हिसाब लगाने के बाद बताया गया, कि उड़ीसा में एक किलोवाट घरेलू चाहे शहरी कनेक्शन हो या ग्रामीण, उसके लिए जीएसटी के साथ कुल फीस 3941 है. इसके लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेगा.

96 माह तक हर माह 60 रुपये किराया लगेगा. कनेक्शन पोल से केवल 30 मीटर के परिधि में ही होना चाहिए. उन्होंने बताया कि सबसे चौंकाने वाला मामला यह है, कि जीएसटी खत्म हो गई पर उड़ीसा में लागू है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर की वसूली उपभोक्ता से नहीं होगी. उड़ीसा में लागू है. यही है निजीकरण का प्रयोग. उत्तर प्रदेश में सिंगल फेज मीटर टेस्टिंग की फीस 50 रुपये है. लेकिन, उड़ीसा में 500 रुपये है.

टाटा पावर का उपभोक्ता संग व्यवहार:अवधेश कुमार वर्मा का कहना है, कि जरूरत पड़ी तो उपभोक्ता परिषद की एक टीम उड़ीसा जाएगी और वहां का आकलन भी करेगी कि उड़ीसा में उपभोक्ताओं के साथ टाटा पावर क्या व्यवहार कर रहा है? किस दर पर उनसे वसूली कर रहा है? इस मामले को केंद्रीय स्तर पर उठाया जाएगा.

इस पर तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है. पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से उपभोक्ता परिषद यह मांग करता है कि करोड़ों अरबों के कंसलटेंट रखे गए हैं. उनका सही उपयोग करें. एनालिसिस करें कि कौन सा निजी घराना किस प्रकार से फायदा कम रहा है.

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