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छत्तीसगढ़ में यूरेनियम की खोज, कोसगाई का पांच वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आरक्षित - Uranium - URANIUM

Uranium discovery in Chhattisgarh बिजली और कोयला के लिए पहचाने जाने वाले ऊर्जाधानी में अब यूरेनियम की खोज की जाएगी. कोरबा में पहले ही लिथियम का भंडार मिल चुका है. हाल ही में कमर्शियल करने के तहत इसे नीलम किया गया था. इसके बाद अब यहां यूरेनियम की संभावना तलाशी जा रही है.

Uranium discovery in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में यूरेनियम की खोज (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 18, 2024, 7:39 PM IST

कोरबा :ऊर्जाधानी में यूरेनियम की खोज के लिए छत्तीसगढ़ शासन के खनिज साधन विभाग ने एक आदेश जारी किया है. जिसमें कोरबा के दार्शनिक स्थल कोसगाई के समीप गांव, धनगांव–गढतारा में यूरेनियम के लिए सर्वेक्षण की बात कही गई है. आने वाले 5 वर्षों के लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय इस गांव में अनुसंधान करेगा. गांव के एक सीमित क्षेत्र को आरक्षित कर दिया गया है. जहां यूरेनियम भंडार की तलाश शुरू की जाएगी.



5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को किया गया है आरक्षित :धनगांव–गढतारा को आने वाले पांच वर्ष की अवधि के लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय को सौंपा गया है. जहां परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय अनुसंधान करेंगे. छत्तीसगढ़ के खनिज साधन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार इस गांव के पांच वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को आरक्षित किया गया है. जहां परमाणु खनिज रियायत नियम 2016 के तहत यूरेनियम, लिथियम और एसोसिएटेड मिनरल का पूर्वेक्षण कार्य किया जाएगा.


जल्द शुरू हो सकता है सर्वेक्षण :खनिज साधन विभाग के विशेष सचिव सुनील कुमार जैन द्वारा जारी आदेश के तहत गांव, धनगांव–गढ़तारा के 5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को आरक्षित किया गया है. जिस पर भारत सरकार के परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय को एक्सप्लोरेशन एजेंसी के रूप में अधिसूचित किया गया है. अब यही एजेंसी इस गांव को एक्सप्लोर करेगी और यहां यूरेनियम जैसे बेहद दुर्लभ खनिज की तलाश करेगी.



क्यों खास है यूरेनियम : यूरेनियम का उपयोग सेना द्वारा परमाणु पनडुब्बियों और परमाणु हथियारों को शक्ति प्रदान करने के लिए किया जाता है. यूरेनियम का उपयोग परमाणु बिजली उत्पादन के लिए भी किया जा रहा है. दुनिया भर के ज्यादातर विकासशील देश जिसमें भारत भी शामिल है. वह अभी कोयला आधारित बिजली पर निर्भर हैं. लेकिन विकसित देश अब परमाणु पर आधारित बिजली के उत्पादन की तरफ बढ़ रहे हैं. इसके लिए यूरेनियम का उपयोग किया जाता है. यूरेनियम पृथ्वी पर पाए जाने वाला बेहद दुर्लभ खनिज पदार्थ है. एक जानकारी के अनुसार 1 किलो यूरेनियम का दाम लगभग तीन के करोड़ रुपए होता है.



लिथियम ब्लॉक को पहले ही किया जा चुका है नीलाम : हाल ही में कोरबा जिले के कटघोरा में मौजूद लिथियम ब्लॉक को नीलाम किया गया था. गांव घुचापुर और इसके आसपास के 250 हेक्टेयर क्षेत्र को लिथियम ब्लॉक के तौर पर चिन्हित किया गया था. लिथियम की पुष्टि के बाद केंद्रीय खान मंत्रालय ने चौथे दौर के नीलामी में इसे नीलाम किया. जिसे मैकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने सर्वोच्च बोली लगाकर खरीदा था. यहां भी जल्द लिथियम ब्लॉक की शुरुआत होगी और उत्पादन शुरू किया जाएगा.

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