वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में देश के ही नहीं बल्कि विदेशों से भी छात्र पढ़ाई करने के लिए आते हैं. खासकर एमबीबीएस (BHU MBBS) समेत कई कोर्स करने छात्र बड़ी संख्या में आते हैं. इन छात्रों के लिए विश्वविद्यालय की ओर से सभी विद्यार्थियों की तरह सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. हालांकि सभी कोर्सेज की फीस (Fees) में कुछ अंतर जरूर होता है. ऐसे ही इस बार विदेशी छात्रों की एमबीबीएस फीस में बढ़ोतरी की गई है. यूजी, पीजी और पीएचडी से लेकर सर्टिफिकेट कोर्स तक के शुल्क में काफी इजाफा किया गया है. विदेशी स्कॉलर्स की पीएचडी फीस में 110 फीसदी का इजाफा हुआ है.
कई कोर्स की पढ़ाई होती हैः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक, पीएचडी के साथ ही सर्टिफिकेट कोर्स के लिए भी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई कराई जाती है. इन सभी क्लासेज में एडमिशन के लिए देश से ही नहीं विदेशों से भी छात्र आते हैं. इस बार इन छात्रों की फीस में बढ़ोतरी कर दी गई है. जहां पीएचडी की फीस में 110 फीसदी का इजाफा हुआ है तो स्नातक और परास्नातक के कोर्स की फीस में 75 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है. एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह फैसला लिया गया है.
मेडिकल की पढ़ाई भी हुई महंगीःविश्वविद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए शुल्क में इजाफा किया गया है. एमसीएच, एमडी, एमएस और डीएम कोर्स करने वालों की फीस 2.5 लाख से बढ़ाकर 4.25 लाख रुपये कर दी गई है. वहीं, सार्क देशों के छात्रों की फीस 2 से 3 लाख रुपये कर दी गई है. ऐसे ही बीडीएस में स्नातक कोर्स की फीस 2 लाख से 3.5 लाख रुपये हो गई है. MBBS और BAMS की फीस 2 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख की गई है. इसमें सार्क देशों के छात्रों के लिए फीस 1.5 लाख से 2 लाख हुई है.
मैनेजमेंट के लिए शुल्क में हुई बढ़ोतरीःमैनेजमेंट की पढ़ाई करने वालों के लिए भी शुल्क में बढ़ोतरी की गई है. इसमें MCA, MBA और MIBA कोर्स की फीस 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है. इसके लिए सार्क देशों के विद्यार्थियों के लिए फीस 1.5 लाख से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये की गई है. वहीं, परास्नातक कोर्स के लिए फीस 45,000 से बढ़ाकर 60,000 रुपये किया गया है. ऐसे ही, प्रोफेशनल कोर्स के लिए 50,000 से 75,000 रुपये और एमवॉक में 45,000 से 65,000 रुपये फीस किया गया है.
एकेडमिक काउंसिल की बैठक में मिली अनुमतिःविश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव एकेडमिक काउंसिल की बैठक के एजेंडे में रखा गया था. इस प्रस्ताव को अनुमति दी जा चुकी है. विदेशी छात्रों की शुल्क बढ़ोतरी में सार्क देशों के छात्रों को सहूलियत दी गई है. नॉन सार्क देशों के छात्रों के मुकाबले फीस वृद्धि में 7 से 25 प्रतिशत की कमी रखी गई है. बता दें कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के आठ सदस्य देश हैं. इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका शामिल हैं.